लखीमपुरी सांसद अजय मिश्रा टेनी ( सौजन्य : सोशल मीडिया)
लखीमपुर : खीरी से तीसरी बार सांसद बनने के अपने अभियान के तहत केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा पूरे निर्वाचन क्षेत्र में छोटी-छोटी सभाएं कर रहे हैं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘विकसित भारत’ के दृष्टिकोण के बारे में बात करते हैं और “इस क्षेत्र का भाग्य” बदलने का वादा कर रहे हैं। भाजपा नेता के बेटे आशीष मिश्रा को अक्टूबर 2021 में लखीमपुर खीरी में कृषि कानूनों (अब समाप्त हो चुके) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे चार किसानों की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था। मिश्रा इस संबंध में कोई बात नहीं करते और न ही उनकी किसी भी सभा में उस घटना का या उनके बेटे का कोई जिक्र नहीं होता क्योंकि उनकी टीम यह सुनिश्चित करती है कि इन बैठकों में मिश्रा और पत्रकारों के बीच दूरी रहे। अजय मिश्रा प्रतिदिन औसतन पांच छोटी सभाओं को संबोधित करते हैं और मोदी के सत्ता में आने से पहले निर्वाचन क्षेत्र की उपेक्षा के मुद्दे पर बात करते हैं ।
विकसित भारत का लक्ष्य
मिश्रा ने यहां पलिया इलाके में एक चौराहे पर लगभग 150 लोगों की एक छोटी सभा में कहा, “सभी दलों ने खीरी की उपेक्षा की थी। किसी ने भी इस जगह के लिए कुछ नहीं किया। किसानों से लेकर व्यापारियों तक, सभी की उपेक्षा की गई।” उन्होंने कहा, “लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूरे देश में और यहां भी चीजें बदल गई हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 2047 तक विकसित भारत के अपने लक्ष्य की दिशा में काम कर रहे हैं। हम सभी को इसके लिए अपने प्रयासों को सुनिश्चित करना चाहिए।” इस निर्वाचन क्षेत्र में 13 मई को चौथे चरण में मतदान होना है। मिश्रा के समर्थक उन्हें ‘टेनी महाराज’ कहते हैं। भाजपा नेता मिश्रा अपने भाषणों को छोटा रखते हैं, खुद को मंच तक सीमित रखते हैं, लोगों के बीच जाने से बचते हैं, स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं के सामने हाथ जोड़ते हैं और हाथ मिलाने से परहेज करते हैं।
इंडी गठबंधन ने लोगों को भ्रमित किया
भाजपा नेता ने अपने चुनाव अभियान में एक सभा में कहा,”आप ‘इंडी’ गठबंधन के लोगों की वास्तविकता जानते हैं। उन्होंने लोगों को भ्रमित करने के अलावा कुछ नहीं किया है। हमारा एक ही लक्ष्य है, भारत को महाशक्ति बनाना और अगर भारत विकास करता है तो लखीमपुर कैसे पीछे रह सकता है” । मिश्रा मीडिया से बचते हैं और बिना कोई सवाल का जवाब दिये आगे बढ़ जाते हैं और उनकी टीम उनके और पत्रकारों के बीच दूरी सुनिश्चित करती है।
चुनाव में व्यस्त होने का दिया हवाला
जब उनसे इस चुनाव के लिए लखीमपुर खीरी में मुद्दों के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “मैं इन दिनों चुनाव में व्यस्त हूं,” और जैसे ही काफिला एक और सभा के लिए आगे बढ़ा वह अपने वाहन में बैठ गए।” मिश्रा 2014 में लखीमपुर खीरी से सांसद चुने गए थे, उन्हें 2019 के आम चुनाव में फिर जीत मिली।
चार किसानों की हत्या का मामला
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के करीबी माने जाने वाले मिश्रा को जुलाई 2021 में गृह राज्य मंत्री बनाया गया था। कुछ ही महीने बाद अक्टूबर 2021 में मिश्रा को अपने राजनीतिक करियर की सबसे बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा। उनके बेटे आशीष मिश्रा पर कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे चार सिख किसानों को गाड़ी से कुचलकर मारने का आरोप लगाया गया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। आलोचना और अपने बेटे की गिरफ्तारी के बावजूद वह केंद्रीय मंत्री के पद पर बने रहे। आशीष मिश्रा फिलहाल जमानत पर हैं।
भाग्य बदलने की बात की
मिश्रा ने एक सभा में कहा, “हमारे सामने कई चुनौतियां आई हैं लेकिन आपकी ताकत से मैंने उन सभी का मुकाबला किया है। मैं आपके समर्थन के लिए आभारी हूं और मैं आपको आश्वस्त कर रहा हूं कि यदि आप अपना समर्थन जारी रखेंगे तो मैं इस जगह का भाग्य बदल दूंगा।” इन सभाओं में भाग लेने वाले अधिकतर पुरुष होते हैं। कुछ स्थानों पर कुछ महिलाएं भी बैठकों में शामिल होती हैं लेकिन पीछे बैठती हैं। इन बैठकों में भाग लेने वाले लोग शायद ही कभी प्रश्न पूछते हैं।
नहीं हुआ कोई विकास
मिश्रा की एक बैठक में भाग लेने वाले 22 वर्षीय स्नातक दिनेश मिश्रा ने कहा, “लोग कहते हैं कि हमने दुनिया में प्रगति की है लेकिन यह विकास अभी तक हमारे गांवों तक नहीं पहुंचा है।” स्थानीय अनाज व्यापारी कमल कुमार गुप्ता, जो मिश्रा की एक बैठक में भी शामिल हुए थे ने कहा, “यह सच है कि यहां बहुत कुछ नहीं किया गया है, लेकिन हमारे पास क्या विकल्प हैं। विपक्ष वापस आने पर ‘गुंडा राज’ वापस लाएगा।” ग्रामीण बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी, क्षतिग्रस्त सड़कों और सीमित रोजगार के अवसरों का भी मुद्दा उठाते हैं। अजय मिश्रा का मुकाबला समाजवादी पार्टी के उत्कर्ष वर्मा और बसपा के अंशय कालरा से है।