इलाज न मिलने की वजह से पिता की मौत हुई
नीतीश ने बताया, ‘लगातार 3 घंटे बस रुकी थी। तेज धूप थी। बस में गर्मी और उमस हो रही थी। इसी वजह से मेरे पिता की तबीयत बिगड़ गई। मैंने इस बारे में बस ड्राइवर को बताया। लेकिन उसने मेरी बात को अनसुना कर दिया। फिर RTO के अफसरों को भी सूचना दी। मगर, उन्होंने भी नहीं सुना। इलाज न मिलने की वजह से पिता की मौत हो गई।’
पुलिस-RTO अफसरों के बीच नोकझोंक हुई
नीतीश ने बताया, ‘पिता की मौत के बाद बस में बैठे यात्रियों ने भी हंगामा शुरू कर दिया, तभी पता चला कि एक अन्य बस में भी एक युवक की मौत हो गई है।’ इधर, हंगामे की सूचना पर रौनाही थाना पुलिस मौके पर पहुंची। इस दौरान पुलिस-RTO अफसरों के बीच नोकझोंक भी हुई। इसके बाद पुलिस ने लोगों को समझा-बुझाकर किसी तरह से शांत कराया।
RTO प्रवर्तन प्रवीण सिंह ने बताया, ‘रूटीन चेकिंग के दौरान बसों की परमिट और अन्य कागजात की चेकिंग की जा रही थी।’ इस दौरान एक मरीज के मौत की सूचना मिली, जो पहले से बीमार था। बस ड्राइवर से जब यह पूछा गया कि मरीज को बस में क्यों बैठाया? इस पर उसने बताया कि मरीज के परिजनों ने लिखित दिया था कि यदि कोई घटना होती है, तो उसकी जिम्मेदारी हमारी होगी।
हर दिन 50 से अधिक बसें दिल्ली से बिहार आती-जाती हैं
दिल्ली से बिहार और बिहार से दिल्ली हर दिन 50 से अधिक बसें चलती हैं। इनमें करीब 4 हजार से अधिक यात्री इस मार्ग से दिल्ली आते-जाते हैं। लोगों ने आरोप लगाया कि RTO की टीमें टोल प्लाजा पर आकर आए दिन चेकिंग करती हैं, इस दौरान घंटों वाहनों की खड़े कर देते हैं। इससे वाहनों में सफर करने वाले यात्रियों को परेशानी होती है।