साक्षी मलिक (सौजन्यः सोशल मीडिया)
स्पोर्ट्स डेस्क, नवभारत: आज यानी मंगलवार 3 अगस्त को दिग्गज भारतीय महिला पहलवान साक्षी मलिक अपना 32वां जन्मदिन मना रही हैं। साक्षी का नाम पहली बार 2016 में लोगों की जुबां पर पहली बार गूंजा था। इसके पीछे वजह ये थी कि उन्होंने रियो ओलंपिक कुश्ती में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। साक्षी की इस जीत का इतिहास भी साक्षी हो गया हो गया, क्योंकि साक्षी मलिक पहली ऐसी भारतीय महिला पहलवान बनीं थी जिन्होंने ओलंपिक में मेडल जीता हो। साक्षी की जिंदगी से जुड़े और भी तमाम किस्से हैं जो आज हम आपके साथ साझा करने वाले हैं।
साक्षी मलिक अपने पहलवान दादा सुबीर मलिक से प्रेरित होकर रेसलिंग में कदम रखा। उन्होंने महज 12 साल की उम्र में ही पहलवानी का प्रशिक्षण शुरू कर दिया था। उन्होंने ईश्वर दहिया से पांच साल तक प्रशिक्षण लेकर साल 2009 में एशियाई जूनियर विश्व चैंपियनशिप में भाग लिया, जहां फ्रीस्टाइल में 59 किलो भार वर्ग में उन्होंने सिल्वर मेडल जीता। उसके बाद अगले साल 2010 में विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता और 2013 के कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में एक बार फिर कांस्य पदक जीता।
साल 2016 के रियो ओलंपिक खेलों में साक्षी मलिक ने कांस्य पदक जीतकर वो कमाल किया था, जो उनसे पहले कोई भी महिला पहलवान नहीं कर पाई थी। यह पदक साक्षी के लिए कई अनगिनत उपलब्धियों में से एक है। जिसने कुश्ती में उनके प्रभावशाली करियर को परिभाषित किया।
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साक्षी मलिक के लिए रियो ओलंपिक में पदक जीतने वाला मुकाबला काफी मुश्किल था। वह आखिरी मिनटों में कजाकिस्तान की पहलवान एमसी इसानु से काफी पीछे चल रही थीं। पहले राउंड में वो 0-5 से पिछड़ गई थीं। हालांकि, साक्षी ने मैच खत्म होने से चंद मिनट पहले कमाल किया और स्कोर 5-5 से बराबर कर दिया। उसके बाद आखिरी के 9 सेकेंड में साक्षी मलिक ने विरोधी पहलवान को धूल चटा दी और कांस्य पदक अपने नाम किया।
साक्षी मलिक का नाम एक बार और सुर्खियों में तब आया जब उन्होंने कथित तौर पर महिला पहलवानों के साथ हुए यौन उत्पीड़न के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर जंतर मंतर पर तत्कालीन भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। इस प्रदर्शन में उनके साथ विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया भी शामिल हुए थे।
साक्षी मलिक का संन्यास भी काफी चर्चा का विषय रहा। उन्होंने 21 दिसंबर 2023 को संन्यास का ऐलान किया था। उन्होंने यह कदम रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के चुनाव में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह के अध्यक्ष बनने के बाद लिया। क्योंकि उनका मानना था कि अब भ्रष्टाचार खुलेआम होगा।
साक्षी मलिक को ओलंपिक में हासिल मुकाम की वजह से पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया था। ये देश का चौथा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है। वहीं साल 2016 में साक्षी मलिक को खेल के सबसे बड़े सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न से भी सम्मानित किया गया था। साथ ही राज्य सरकार, खेल मंत्रालय और अन्य संस्थानों द्वारा उन्हें नकद पुरस्कार भी दिया गया।