दबंग दिल्ली ने खिताब किया अपने नाम, फोटो- सोशल मीडिया
Pro Kabaddi League S12 Final: प्रो कबड्डी लीग (PKL) सीजन 12 का फाइनल मुकाबला दिल्ली के त्यागराज इंडोर स्टेडियम में एक अभूतपूर्व और रोमांचक रात लेकर आया। इस महामुकाबले में दबंग दिल्ली ने पुणेरी पल्टन को 31-28 के करीबी अंतर से हराकर खिताब पर अपना कब्जा जमाया। यह दबंग दिल्ली का दूसरा प्रो कबड्डी लीग खिताब है, जिसने उन्हें पटना पाइरेट्स और जयपुर पिंक पैंथर्स जैसे मल्टी-टाइम चैंपियंस के विशिष्ट क्लब में शामिल कर दिया है। दबंग दिल्ली ने इससे पहले PKL के 8वें सीजन में भी जीत हासिल की थी।
यह जीत न केवल खिलाड़ियों के लिए बल्कि टीम के कोच जगिंदर नरवाल के लिए भी ऐतिहासिक थी। जगिंदर नरवाल, मनप्रीत सिंह के बाद, PKL ट्रॉफी जीतने वाले दूसरे व्यक्ति बन गए हैं जिन्होंने कोच और कप्तान दोनों की दोहरी भूमिका निभाई है। इस जीत ने दबंग दिल्ली की ‘दबंगई’ को एक बार फिर प्रो कबड्डी के पटल पर स्थापित कर दिया।
मुकाबले की शुरुआत में, पुणेरी पल्टन ने अपने स्टार रेडर असलम इनामदार की मदद से पहला अंक हासिल किया और अपनी रणनीति का प्रदर्शन किया। हालांकि, दबंग दिल्ली ने जल्द ही जवाबी हमला किया। दिल्ली के रेडर आशु मलिक और नीरज नरवाल के तेज और प्रभावी प्रयासों की बदौलत दबंग दिल्ली ने तुरंत ही पुणेरी पर 6-2 की महत्वपूर्ण बढ़त बना ली। ऐसा लग रहा था कि दिल्ली मैच को एकतरफा कर देगी।
इसके बाद, पुणेरी पल्टन ने अपनी रक्षात्मक क्षमता का प्रदर्शन किया। उन्होंने कई सफल सुपर टैकल करते हुए मैच में दमदार वापसी की और पहले क्वार्टर का अंत होते-होते स्कोर को 8-6 तक पहुंचा दिया, जिससे मुकाबला फिर से तनावपूर्ण हो गया।
पहले हाफ के मध्य में, दबंग दिल्ली ने अपनी आक्रामक रणनीति को जारी रखा। खेल के पंद्रहवें मिनट में, दिल्ली की टीम ने पुणेरी पल्टन को मैच का पहला ऑल-आउट देकर अपनी बढ़त को और मजबूत किया, जिससे स्कोर 14-8 हो गया। इस ऑल-आउट ने दिल्ली को एक मनोवैज्ञानिक बढ़त प्रदान की।
हालांकि, पुणेरी पल्टन ने हार नहीं मानी और दूसरे क्वार्टर में फिर से प्रभावशाली वापसी की। पंकज मोहिते और आदित्य शिंदे जैसे युवा खिलाड़ियों के शानदार प्रयासों ने स्कोर के अंतर को कम करने की भरसक कोशिश की। लेकिन, दिल्ली के रेडर अजित और नीरज की अगुवाई में दबंग दिल्ली ने अपनी बढ़त को बरकरार रखा और पहले हाफ का अंत 20-14 की आरामदायक बढ़त पर किया। यह 6 अंकों की बढ़त निर्णायक साबित होने वाली थी।
दूसरे हाफ की शुरुआत में, दबंग दिल्ली ने अपनी रणनीति को बदल दिया और अपनी मजबूत रक्षापंक्ति पर ध्यान केंद्रित किया। इस रक्षात्मक प्रदर्शन की बदौलत दिल्ली अपनी बढ़त को बरकरार रखने में सफल रही। दूसरी ओर, पुणेरी पल्टन ने स्कोर के अंतर को कम करने के लिए कुछ बेहतरीन रक्षात्मक चालें चलीं और लगातार अंक बटोरने का प्रयास किया। इन प्रयासों के बावजूद, दबंग दिल्ली ने अपनी रणनीतियों और नियंत्रण के बल पर तीसरे क्वार्टर का अंत 24-18 की महत्वपूर्ण बढ़त के साथ किया।
चौथा और अंतिम क्वार्टर सबसे अधिक रोमांचक और तनावपूर्ण रहा। दबंग दिल्ली ने शुरू में अपनी बढ़त बरकरार रखी, लेकिन पुणेरी पल्टन ने खेल के 37वें मिनट में दबंग दिल्ली को पहली बार ऑल-आउट करने पर मजबूर कर दिया। इस ऑल-आउट ने मैच को पूरी तरह से खोल दिया और स्कोर का अंतर सिर्फ तीन अंकों तक सिमट गया, जिससे स्टेडियम में मौजूद सभी दर्शकों की धड़कनें तेज हो गईं।
अंतिम मिनटों में, पुणेरी पल्टन के आदित्य शिंदे ने अपने शानदार रेडिंग कौशल का प्रदर्शन करते हुए टीम को जीतने की कगार पर ला खड़ा किया। हालांकि, दबंग दिल्ली के अनुभवी डिफेंडर और टीम के लीडर फजल अत्राचली ने महत्वपूर्ण क्षण में अपनी क्लास दिखाई। फजल ने आखिरी मिनट में एक अहम टैकल करके पुणेरी पल्टन की आगे बढ़ने की उम्मीदों पर विराम लगा दिया।
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दबंग दिल्ली ने अपने संयम और रणनीतिक खेल की बदौलत पुणेरी पल्टन को तीन अंकों के मामूली अंतर, 31-28, से हराकर अपना दूसरा पीकेएल खिताब जीत लिया। यह जीत एक अविस्मरणीय फाइनल मुकाबले का प्रतीक बन गई, जिसमें दोनों टीमों ने अंत तक जबरदस्त खेल भावना और कौशल का प्रदर्शन किया।