
योगेश्वर दत्त
स्पोर्ट्स डेस्क : भारतीय पहलवान योगेश्वर दत्त का जन्म 2 नवंबर 1982 को हरियाणा के गोहाना कस्बे में हुआ था। योगेश्वर दत्त आज 42 साल के हो गए हैं। योगेश्वर दत्त ने भारत के लिए लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर दुनिया में अपना परचम लहराया था। उनका जन्म एक ऐसे परिवार में हुआ जहां अधिकांश लोग शिक्षक थे। योगेश्वर के माता पिता भी शिक्षक थे। उनके परिवार में सभी लोग चाहते थे कि योगेश्वर भी बड़े होकर शिक्षक बने। लेकिन, योगेश्वर ने दुनिया में अपना नाम बनाया।
योगेश्वर को बचपन से ही पहलवानी का शौक था। महज 8 साल की उम्र से ही वह कुश्ती खेलना शुरू कर चुके थे। योगेश्वर अपने गांव के बलराज पहलवान से बेहद प्रभावित थे। साल 1992 में योगेश्वर ने स्कूल चैंपियनशिप का खिताब भी जीता था। जिसके बाद उनके परिवार ने भी उनका सपोर्ट करना शुरू कर दिया था। जिसके दो साल बाद 1994 में उन्होंने पोलैंड में हुए इंटर स्कूल कैडेट गेम्स में हिस्सा लिया और वहां वह स्वर्ण पदक जीतने में कामयाब रहे। इसके बाद अपने करियर को नई दिशा देने के लिए योगेश्वर ने दिल्ली चले गए।
जिसके बाद योगेश्वर छत्रसाल स्टेडियम में अभ्यास करना शुरू कर दिया। इसके लिए वे वहीं रहने भी लगे थे। इस दौरान उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन भी पूरी की। साल 2006 में उनके पिता की मौत हो गई, जिसके बाद वह काफी ज़्यादा डिस्टर्ब हो गए थे। फिर उनके पैर में भी चोट लग गई थी, जिसके कारण उन्हें बहुत समय तक कुश्ती से दूर रहना पड़ा था।
2008 के एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतकर योगेश्वर ने बीजिंग ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया था। लेकिन, ओलंपिक के क्वार्टर फाइनल में वह पदक की दौड़ से बाहर हो गए थे। 2010 में दिल्ली में आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों में योगेश्वर ने एक बार फिर स्वर्ण पदक हासिल किया। यह गोल्ड मेडल इसलिए भी महत्वपूर्ण था कि यह कारनामा उन्होंने घुटने के चोटिल होने के बावजूद किया था।
2012 का लंदन ओलंपिक उस बेहतरीन पलों का गवाह बना जब योगेश्वर दत्त ने कांस्य पदक हासिल किया। ओलंपिक में केडी जाधव और सुशील कुमार के बाद कांस्य पदक हासिल करने वाले तीसरे भारतीय पहलवान बने। ओलंपिक पदक जीतने के बाद योगेश्वर को 2012 में देश के सर्वोच्च खेल पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न से भी नवाजा गया।






