डूरंड कप (फोटो-सोशल मीडिया)
Durand Cup Prize Money: डूरंड कप के मौजूदा 134वें संस्करण में विजेता टीम को अब तक की सबसे बड़ी पुरस्कार राशि मिलेगी। चैंपियन को ₹1.21 करोड़ रुपये मिलेंगे, जो इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट के 137 साल के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी राशि है।
डूरंड कप एशिया का सबसे पुराना और दुनिया के सबसे पुराने फुटबॉल टूर्नामेंटों में से एक है और इस साल इसका आयोजन पहले से कहीं ज़्यादा भव्य और प्रतिस्पर्धात्मक हो गया है। डूरंड कप आयोजन समिति ने इस साल कुल पुरस्कार राशि को 250% बढ़ाकर ₹3 करोड़ रुपये कर दिया है। पिछले साल यह राशि मात्र ₹1.2 करोड़ थी। यह फैसला टूर्नामेंट की लोकप्रियता, प्रतिस्पर्धा और पेशेवर स्तर को और अधिक बढ़ाने के लिए किया गया।
इस साल का फाइनल शनिवार को विवेकानंद युवा भारती क्रीड़ांगन (साल्ट लेक स्टेडियम), कोलकाता में खेला जाएगा, जहां गत विजेता नॉर्थईस्ट यूनाइटेड एफसी का सामना पहली बार टूर्नामेंट में हिस्सा ले रही टीम डायमंड हार्बर एफसी से होगा। डायमंड हार्बर एफसी ने पदार्पण के साथ ही सभी को चौंकाते हुए फाइनल में जगह बनाई है और अब उनका लक्ष्य खिताब जीतकर इतिहास रचना है।
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डूरंड कप की शुरुआत 23 जुलाई से हुई। इस टूर्नामेंट में कुल 24 टीमों ने हिस्सा लिया। जिसमें से 8 टीमें नॉकआउट राउंड में पहुंची और अब 23 को इस टूर्नामेंट का फाइल मुकाबला खेला जाएगा।
श्रेणी | पुरस्कार राशि | अतिरिक्त इनाम |
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चैंपियन टीम | ₹1.21 करोड़ | — |
उपविजेता टीम | ₹60 लाख | — |
सेमीफाइनल में हारने वाली टीमें | ₹25 लाख (प्रत्येक टीम) | — |
क्वार्टर फाइनल में हारने वाली टीमें | ₹15 लाख (प्रत्येक टीम) | — |
गोल्डन बॉल (सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी) | ₹3 लाख | महिंद्रा XUV SUV |
गोल्डन बूट (सर्वाधिक गोल) | ₹3 लाख | महिंद्रा XUV SUV |
गोल्डन ग्लव्स (सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर) | ₹3 लाख | महिंद्रा XUV SUV |
जाइंट किलर’ डायमंड हार्बर एफसी की नजरें पदार्पण वर्ष में डूरंड कप खिताब जीतने वाली पहली टीम बनने पर लगी होंगी लेकिन इसके लिये उसे शनिवार को फाइनल में नॉर्थईस्ट युनाइटेड एफसी जैसे धुरंधर को हराना होगा। इस साल का खिताबी मुकाबला इस मायने में भी महत्वपूर्ण है कि दोनों टीमों के पास इतिहास रचने का मौका है। नॉर्थईस्ट युनाइटेड अगर जीतती है तो यह उसका लगातार दूसरा डूरंड कप खिताब होगा और पिछले 34 साल में कोई टीम ऐसा करने में कामयाब नहीं हुई हो। पिछली बार ईस्ट बंगाल ने 1989, 1990 और 1991 में जीत की हैट्रिक लगाई थी ।