यश दयाल (फोटो-सोशल मीडिया)
लखनऊ: आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) के लिए खेलने वाले उत्तर प्रदेश के क्रिकेटर यश दयाल एक बड़े विवाद में घिर गए हैं। यश दयाल पर उत्तर प्रदेश की एक महिला ने मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है। दयाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है और आधिकारिक शिकायत यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक भी पहुंची है।
एक महिला ने भारतीय क्रिकेटर यश दयाल पर गंभीर आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया पर अपना दर्द साझा किया है। महिला ने यश दयाल के साथ अपनी तस्वीर और दर्ज एफआईआर की कॉपी सार्वजनिक करते हुए दावा किया है कि वह पिछले पांच वर्षों से उनके साथ रिश्ते में थी, लेकिन इस दौरान उनके साथ भावनात्मक, मानसिक और शारीरिक शोषण किया गया।
महिला का कहना है कि यश दयाल ने उन्हें शादी का वादा कर अपने परिवार से मिलवाया और एक बहू की तरह व्यवहार किया गया, जिससे उन्होंने उन पर पूरी तरह भरोसा कर लिया। लेकिन जब उन्होंने इस रिश्ते को लेकर सवाल उठाए, तो उन्हें शारीरिक हिंसा और मानसिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। एफआईआर में महिला ने यह भी बताया कि रिलेशनशिप के दौरान वह आर्थिक और भावनात्मक रूप से यश दयाल पर पूरी तरह निर्भर हो गई थीं। उनके अनुसार, यश दयाल ने न केवल उनके साथ बल्कि अन्य लड़कियों के साथ भी इसी तरह के झूठे संबंध बनाए।
महिला ने 14 जून 2025 को महिला हेल्पलाइन 181 पर कॉल कर शिकायत दर्ज कराई, लेकिन उनका आरोप है कि स्थानीय पुलिस थाने में इस पर उचित कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद उन्होंने सीधा मुख्यमंत्री कार्यालय से न्याय की मांग की है। उन्होंने अपनी शिकायत में कहा है कि उनके पास चैट, स्क्रीनशॉट, वीडियो कॉल्स, और तस्वीरों जैसे पुख्ता सबूत मौजूद हैं, जो यश दयाल के व्यवहार को सिद्ध कर सकते हैं।
पीड़िता ने मुख्यमंत्री कार्यालय से मामले की निष्पक्ष और त्वरित जांच की मांग करते हुए यश दयाल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की अपील की है। उनका कहना है कि यह लड़ाई सिर्फ उनके लिए नहीं, बल्कि उन सभी महिलाओं के लिए भी है जो इस तरह के झूठे रिश्तों का शिकार बनती हैं।
वेस्टइंडीज के क्रिकेटर पर लगा यौन उत्पीड़न का आरोप, एक-दो नहीं 11 महिलाएं…
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इंदिरापुरम, गाजियाबाद के सर्किल ऑफिसर (सीओ) से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। साथ ही पुलिस विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि वे आईजीआरएस (जन शिकायत निवारण प्रणाली) पर दर्ज इस शिकायत का 21 जुलाई 2025 तक समाधान करें।