गिल और स्टोक्स (फोटो-सोशल मीडिया)
Sunil Gavaskar Slams ECB’s Decision: भारत का इंग्लैंड दौरा खत्म हो गया है। इस दौरे पर भारत और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज खेली गई। जिसमें दोनों टीमों ने 2-2 से सीरीज को बराबर पर खत्म किया। इस सीरीज के खत्म होने के बाद पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज के लिए ऐतिहासिक पटौदी ट्रॉफी की जगह नई ‘एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी’ देने के फैसले पर एक बार फिर बहस छेड़ दी है।
पटोदी ट्रॉफी को नज़रअंदाज करने के लिए प्रशंसकों और विशेषज्ञों की व्यापक आलोचना झेल रहे इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने विजेता कप्तान को ‘पटौदी मेडल’ देने का विकल्प चुना। हालांकि, गावस्कर ने अब इस कदम के पीछे के तर्क और इस पुरस्कार वितरण के तरीके, दोनों पर सवाल उठाए हैं।
इस सीरीज समापन के बाद स्पोर्टस्टार के लिए अपने कॉलम में लिखते हुए सुनील गावस्कर ने लिखा कि पटौदी परिवार का कोई भी सदस्य पदक वितरण समारोह में मौजूद नहीं था। उन्होंने कहा कि यह योजना ही गलत थी। उन्होंने कहा कि पटौदी पदक, जो विजेता टीम के कप्तान को दिया जाना था, उसके लिए भी पटौदी परिवार से कोई सदस्य मौजूद नहीं था। सीरीज बराबरी पर छूटी, जिससे ये साफ हुआ कि पटौदी ट्रॉफी को हटाना और बदले की भावना से ऐसा करना बेवकूफी थी।
गावस्कर ने आगे लिखा कि हर बार जब सीरीज ड्रॉ होती है, तो कोई विजेता नहीं होता, इसलिए पदक भी नहीं दिया जा सकता। तो क्या बेहतर नहीं होता कि मैन ऑफ द सीरीज को ये पदक दिया जाए? और अगर कप्तान की परफॉर्मेंस साधारण रही हो और उसका मैच पर खास असर न पड़ा हो, तो फिर उसे क्यों देना?”
गावस्कर ने उन दो महान क्रिकेटरों सचिन तेंदुलकर और जेम्स एंडरसन की अनुपस्थिति की भी आलोचना की। जिनके नाम पर नई ट्रॉफी का नाम रखा गया था। उन्होंने बताया कि दोनों उस समय इंग्लैंड में थे, फिर भी समारोह का हिस्सा नहीं थे। उन्होंने लिखा कि यह पहली बार था जब किसी सीरीज का नाम सचिन और एंडरसन के नाम पर रखा गया था। तो उम्मीद थी कि ये दोनों खिलाड़ी वहां मौजूद होंगे और विजेता कप्तान को ट्रॉफी देंगे। खासकर तब, जब सीरीज बराबरी पर खत्म हुई हो।
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गावस्कर ने सवाल उठाया, “क्या उन्हें समारोह में बुलाया ही नहीं गया था? या फिर ऐसा ही हुआ जैसा इस साल की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया में हुआ था, जब बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी देने के लिए सिर्फ एलन बॉर्डर को बुलाया गया, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया जीता था? तो क्या अब जब सीरीज ड्रॉ हो गई, इसलिए शायद किसी को भी बुलाया नहीं गया?”