श्रीलंका क्रिकेट ने आर. श्रीधर को अपना नया फील्डिंग कोच नियुक्त किया है (फोटो- सोशल मीडिया)
Sri Lanka Cricket has appointed R. Sridhar as new fielding Coach: क्रिकेट फैंस T20 वर्ल्ड कप 2026 का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, जिसकी मेजबानी भारत और श्रीलंका संयुक्त रूप से करेंगे। इस मेगा टूर्नामेंट से पहले श्रीलंका क्रिकेट ने टीम को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम उठाया है। श्रीलंका क्रिकेट (SLC) ने भारत के पूर्व फील्डिंग कोच आर. श्रीधर को अपना नया फील्डिंग कोच नियुक्त करने का ऐलान किया है। यह नियुक्ति ICC मेन्स T20 वर्ल्ड कप 2026 तक के लिए की गई है। श्रीधर की भूमिका 11 दिसंबर 2025 से 10 मार्च 2026 तक प्रभावी रहेगी।
आर. श्रीधर एक BCCI लेवल-3 क्वालिफाइड कोच हैं और इससे पहले वह साल 2014 से 2021 तक भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम के फील्डिंग कोच रह चुके हैं। इस दौरान उन्होंने 300 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय मैचों में टीम इंडिया के साथ काम किया। उनके कार्यकाल में भारतीय टीम की फील्डिंग में जबरदस्त सुधार देखने को मिला और भारत को दुनिया की बेहतरीन फील्डिंग यूनिट्स में गिना जाने लगा। अब श्रीधर अपने इसी अनुभव का इस्तेमाल श्रीलंका टीम की फील्डिंग को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए करेंगे।
आर. श्रीधर पाकिस्तान और इंग्लैंड के खिलाफ होने वाले आगामी दौरों के दौरान श्रीलंका के खिलाड़ियों के साथ काम करेंगे। इसके बाद उनका मुख्य फोकस टीम को ICC मेन्स T20 वर्ल्ड कप 2026 के लिए पूरी तरह तैयार करने पर रहेगा। श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड को उम्मीद है कि श्रीधर की मौजूदगी से टीम की फील्डिंग में निरंतरता और मजबूती आएगी।
श्रीलंका क्रिकेट से जुड़ने पर आर. श्रीधर ने कहा कि श्रीलंकाई खिलाड़ी हमेशा से प्राकृतिक प्रतिभा, जुझारूपन और टीम भावना के लिए जाने जाते हैं। उनका उद्देश्य किसी सिस्टम को थोपना नहीं, बल्कि ऐसा माहौल तैयार करना है जहां एथलेटिसिज्म, सजगता और बेहतर फील्डिंग स्किल्स विकसित हो सकें। गौरतलब है कि श्रीधर इस साल की शुरुआत में श्रीलंका के नेशनल हाई परफॉर्मेंस सेंटर में 10 दिनों का विशेष फील्डिंग प्रोग्राम भी आयोजित कर चुके हैं।
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आर. श्रीधर का पूरा नाम रामकृष्णन श्रीधर है। वह एक फर्स्ट क्लास क्रिकेटर भी रह चुके हैं और 1989/90 से 2000/01 तक हैदराबाद टीम का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने 35 फर्स्ट क्लास और 15 लिस्ट ए मुकाबले खेले। क्रिकेट से संन्यास के बाद साल 2001 में उन्होंने कोचिंग की दुनिया में कदम रखा। वह भारतीय सीनियर टीम के साथ-साथ अंडर-19 टीम को भी कोचिंग दे चुके हैं।