सचिन तेंदुलकर (फोटो- सोशल मीडिया)
Sachin Tendulkar to ICC: क्रिकेट में संभावित बदलावों को लेकर चर्चाओं का दौर शुरु हो चुका है। हाल में ही इंडियन प्रीमियर लीग के पूर्व चेयरमैन ललित मोदी ने पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क के साथ बात करते हुए कहा था कि आईसीसी को वनडे क्रिकेट खत्म कर देना चाहिए। इसके अलावा टेस्ट क्रिकेट को डे-नाइट कर ओलंपिक पर फोकस करना चाहिए। अब इसी कड़ी में भारत समेत पूरी दुनिया के दिग्गज बल्लेबाज माने जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने भी अपनी राय दी है।
क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट में एक बड़े नियम में बदलाव को लेकर बात की है। उन्होंने ये मांग रिडिट पर एक फैंस को जवाब देते हुए की है। सचिन ने क्रिकेट में संभावित बदलाव का समर्थन करते हुए कहा है कि डीआरएस में बदलाव होना चाहिए। आइए जानते हैं कि आखिर सचिन की डीआरएस सिस्टम को लेकर पूरी बात क्या है।
सचिन तेंदुलकर ने एक फैन को रेडिक पर जवाब दिया। उनका ये जवाब डीआरएस को लेकर था। दरअसल, फैन ने सवाल करते हुए पूछा कि आप क्रिकेट में क्या बदलाव करना पसंद करोगे? सचिन ने इसका जवाब देते हुए कहा कि “मैं डीआरएस बदलवा चाहूंगा, क्योंकि खिलाड़ी फील्ड अंपायर के फैसले से नाखुश होकर डीआरएस का इस्तेमाल कर थर्ड अंपायर की ओर रुख करते हैं। मेरा कहना है कि उस फैसले पर वापस जाने का कोई विकल्प नहीं होना चाहिए। जैसें खिलाड़ियों का खराब दौर आता है, वैसे ही अंपायरों का भी खराब दौर आता है। टेक्नोलॉजी गलत होने पर गलती लगातार जारी रहेगी।”
सचिन पहले से ही डीआरएस सिस्टम के खिलाफ रहे हैं। ये पहली बार नहीं है जब उन्होंने इस पार बात की हो। इससे पहले साल 2020 में भी सचिन तेंदुलकर ने अंपायर्स कॉल को खत्म करने की बड़ी मांग कर डाली थी। उस वक्त उन्होंने ये मांग एक और दिग्गज बल्लेबाज ब्रायन लारा के साथ बात करते हुए की।
DRS and the Umpire’s call, the talking points that unites and divides cricket fans worldwide.
Here’s what @sachin_rt said earlier regarding the DRS rule.#SachinTendulkar #CricketTwitter pic.twitter.com/VQNpsPYmQ3
— 100MB (@100MasterBlastr) October 28, 2023
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2020 में सचिन तेंदलुकर ने कहा था कि वो इस बात से सहमत नहीं हो सकते है कि डीआरएस के इस्तेमाल से LBW के मामले में फील्ड अंपायर के फैसले को पलटने के लिए गेंद का 50 फीसदी हिस्सा स्टंप्स लगना जरूरी है। सचिन का कहना था कि खिलाड़ी थर्ड अंपायार के पास इसलिए जाते हैं क्योंकि वो फील्ड अंपायर के फैसले से नाखुश होते हैं। ऐसे में थर्ड अपांयर के पास फैसला जाने से पहले ही टैक्नोलॉजी को अपना काम शुरु करन देना चाहिए।