सचिन तेंदुलकर (फोटो-सोशल मीडिया)
Sachin Tendulkar: बीसीसीआई की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) 28 सितंबर को होने वाली है। इस महीने के अंत में होने वाली एजीएम से पहले एक रिपोर्ट सामने आई थी, जिसमें ऐसा कहा गया था कि सचिन तेंदुलकर बीसीसीआई के अध्यक्ष बन सकते हैं। हालांकि, तेंदुलकर ने इन अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया है और ऐसी किसी भी घटना से इनकार किया है।
दिग्गज बल्लेबाज और पूर्व भारतीय कप्तान सचिन तेंदुलकर ने बृहस्पतिवार को इन अटकलों को खारिज कर दिया कि वह भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) का अगला अध्यक्ष बनने की दौड़ में हैं। उनकी प्रबंधन फर्म ने ऐसी सभी बातों को ‘निराधार’ बताया। तेंदुलकर की प्रबंधन फर्म ने उनकी ओर से बयान जारी कर इन अटकलों पर विराम लगा दिया है कि वह रोजर बिन्नी के संभावित उत्तराधिकारी हो सकते हैं। बिन्नी का कार्यकाल जुलाई में उनके 70 वर्ष के होने पर समाप्त हो गया था।
कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि हमारे संज्ञान में आया है कि सचिन तेंदुलकर के नाम पर भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष पद के लिए विचार किए जाने या नामांकित किए जाने के बारे में कुछ खबरें और अफवाहें फैल रही हैं। हम स्पष्ट रूप से कहना चाहते हैं कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। हम सभी संबंधित पक्षों से अनुरोध करते हैं कि वे निराधार अटकलों पर ध्यान नहीं दें।
बीसीसीआई की वार्षिक आम बैठक (AGM) के एजेंडे में कई अहम मुद्दे शामिल हैं। इनमें बीसीसीआई की एपेक्स काउंसिल और इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) व महिला प्रीमियर लीग (WPL) की गवर्निंग काउंसिल का गठन भी शामिल है। एपेक्स काउंसिल में बोर्ड की आम सभा से एक प्रतिनिधि और भारतीय क्रिकेटर्स एसोसिएशन (ICA) से दो प्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा।
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अक्टूबर 2022 में रोजर बिन्नी बीसीसीआई के 36वें अध्यक्ष चुने गए थे। उन्होंने पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली की जगह ली थी। गांगुली तीन साल के कार्यकाल को पूरा करने के बाद इस पद से हट गए थे। वहीं बिन्नी ने इस पद पर अपना नामांकन दाखिल किया। वो अध्यक्ष पद पर नामांकन दाखिल करने वाले एकमात्र उम्मीदवार थे।
बिन्नी के अध्यक्ष पद पर रहते हुए भारतीय टीम ने दो बड़े खिताब जीते। सबसे पहले 2024 में टी20 वर्ल्ड कप का खिताब और उसके बाद 2025 में चैंपियंस ट्रॉफी भी अपने नाम किया। उसके अलावा उन्हीं के कार्यकाल में महिला प्रीमियर लीग (डब्ल्यूपीएल) की भी शुरुआत की गई। जिससे महिला क्रिकेटरों को एक अलग पहचान मिली।