बेंगलुरु हादसा (फोटो-सोशल मीडिया)
बेंगलुरु: आईपीएल में आरसीबी को पहला खिताब जीतते ही बेंगलुरु में जश्न शुरू हो गया था। ट्रॉफी जीतने के अगले ही दिन रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की फ्रेंचाइजी ने बेंगलुरु के चिन्नास्वामी में जश्न के साथ अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किया था। लेकिन जीत का जश्न पूरी तरह से चीख-पुकार में तब्दील हो गया। बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भगदड़ मची। इस भगदड़ के कारण 11 लोगों की मौत हो गई और 33 से ज्यादा लोग घायल हो गए।
अब इस घटना में एक बड़ा सच सामने आ रहा है। रिपोर्ट्स में ऐसा दावा किया जा रहा है कि पुलिस ने आरसीबी को चेतावनी दी थी, लेकिन फ्रेंचाइजी अपनी जिद पर अड़ी रही। जिसके बाद फ्रेंचाइजी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर भी एक पोस्ट शेयर किया। सुबह से ही जश्न का माहौल बनने लगा। इस दौरान लाखों की संख्या में युवा पुरुषों और महिलाओं की भीड़ स्टेडियम के बाहर पहुंच गई।
4 जून को बेंगलुरु में जैसे ही विजय परेड को लेकर खबर हुई तो पुलिस और यातायात अधिकारियों ने इसको लेकर सोशल मीडिया पर भी कई अलर्ट भेजे। जिसमें फैंस को संगठित रहने का आग्रह किया गया। डेक्कन हेराल्ड के एक रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने आरसीबी मैंनेजमेंट और राज्य सरकार से बुधवार को किसी भी तरह का जश्न ना मनाने का आग्रह किया था।
पुलिस ने आरसीबी को रविवार को विजय परेड करने की योजना बनाने के लिए कहा था। इसपर फ्रेंचाइजी ने तर्क दिया कि उस समय उनके विदेशी खिलाड़ी अपने घर लौट जाएंगे। रिपोर्ट में एक पुलिस अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि हमने मंगलवार रात से सरकार और आरसीबी फ्रेंचाइजी को बुधवार को कोई भी जश्न नहीं मनाने की सलाह दी थी।
उन्होंने आगे कहा कि हमने उनसे इस कार्यक्रम को रविवार को आयोजित करने की सिफारिश की थी। तबतक फैंस की भावनाएं भी शांत हो जाएंगी। हमने उनसे कहा कि वो कोई जुलूस ना निकालें। खिलाड़ियों को स्टेडियम में लेकर आएं और वहीं पर कार्यक्रम को समाप्त करें।