करुण नायर (फोटो-सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: भारत और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों का एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी खेला जा रहा है। इस सीरीज के तीन मैच में करुण नायर का प्रदर्शन कुछ ज्यादा अच्छा नहीं रहा। टेस्ट क्रिकेट में अपनी दूसरी पारी के 25 दिनों के अंदर कर्नाटक के इस बल्लेबाज के लिए इंग्लैंड के खिलाफ मौजूदा टेस्ट सीरीज में लगातार छह विफलताओं के बाद टीम में जगह बरकरार रखना शायद मुश्किल होगा।
करुण नायर को दोबारा भारत की जर्सी पहनने के लिए आठ साल का लंबा इंतजार करना पड़ा लेकिन तीन मैचों में उन्होंने निराश किया। घरेलू क्रिकेट में रनों का अंबार लगाने के बाद भारतीय टीम में वापसी करने वाले नायर ने कैंटरबरी में इंग्लैंड लायंस के खिलाफ भारत ए के लिए दोहरा शतक लगाकर इस दौरे की शानदार शुरुआत की थी। उन्होंने इस प्रदर्शन से अंतिम एकादश में जगह के लिए अपना दावा मजबूत किया था।
इंग्लैंड के खिलाफ हेडिंग्ले, एजबेस्टन और लॉर्ड्स में तीन टेस्ट मैचों के बाद नायर ने 22 से कम के औसत से केवल 131 रन बनाए हैं। गौतम गंभीर के नेतृत्व वाले टीम प्रबंधन के लिए इन आंकड़ों को नजरअंदाज करना बेहद मुश्किल होगा। लीड्स में अपने पदार्पण टेस्ट की पहली पारी में नाकाम रहने वाले साई सुदर्शन ने दूसरी पारी में 30 रन बनाये और इस दौरान काफी सहज दिखे।
टीम ने हालांकि नायर के साथ आगे बढ़ने को तरजीह दिया क्योंकि उनकी उम्र 34 के करीब है तो वही युवा बल्लेबाज सुदर्शन के पास खुद को साबित करने के लिए अभी काफी समय है। नायर के लिए यह करो या मरो वाली स्थिति थी। गंभीर तथा कप्तान शुभमन गिल के पास भी उन्हें पर्याप्त मौके देने के पीछे बहुत तर्क था। ऐसा भी नहीं है कि नायर तीनों मैचों में पूरी तरह से बेअसर दिखे। उन्होंने इस दौरान कुल 249 गेंदों का सामना किया लेकिन बेहतरीन तेज गेंदबाजी और स्विंग के सामने वह असहज दिखे।
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क्रिस वोक्स की 130 किलोमीटर प्रति घंटे के आस-पास की रफ्तार के खिलाफ उन्हें कोई परेशानी नहीं हुई लेकिन ब्रायडन कार्स या जोफ्रा आर्चर की अधिक तेज गति के सामने वह थोड़े असहज दिख रहे थे। भारत 23 जुलाई से ओल्ड ट्रैफर्ड में अगला टेस्ट खेलेगा और टीम प्रबंधन के पास नायर को एक और मौका देने को लेकर फैसला करने का काफी समय होगा। (भाषा इनपुट के साथ)