सूर्यकुमार यादव (फोटो-सोशल मीडिया)
No Handshake Controversy: एशिया कप में भारत और पाकिस्तान के बीच 14 सितंबर को लीग राउंड का मुकाबला खेला गया। इस मुकाबले को भारतीय टीम ने 7 विकेटों से जीत लिया। जीत के बाद भारतीय टीम के खिलाड़ियों ने पाकिस्तान के खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाया। जिसके बाद बीसीसीआई के भी अपने कप्तान के फैसले की सराहना की है।
मैच के बाद भारतीय कप्तान ने एक भावनात्मक संदेश में कहा कि टीम इस समय जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के पीड़ित परिवारों के साथ मजबूती से खड़ी है। उन्होंने यह भी कहा कि देश की सुरक्षा और बलिदान सर्वोपरि है और यही सोच टीम के हर खिलाड़ी के मन में थी।
We stand by the victims of the families of Pahalgam terror attack. We express our solidarity. We want to dedicate today's win to all our Armed Forces who showed a lot of bravery. Hope they continue to inspire us all and we give them more reasons on the ground whenever we get an… pic.twitter.com/stkrqIEBuE
— BCCI (@BCCI) September 14, 2025
सूर्यकुमार यादव ने कहा कि यह सही समय है और मैं बस कुछ कहना चाहता हूं। हम पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों के परिवारों के साथ मजबूती से खड़े हैं और अपनी एकजुटता व्यक्त करते हैं। इस जीत को अपने सभी सशस्त्र बलों को समर्पित करना चाहते हैं, जिन्होंने बहुत बहादुरी दिखाई। आशा है कि वे हम सभी को प्रेरित करते रहेंगे और हमें जब भी मैदान पर मौका मिलेगा, उन्हें मुस्कुराने की वजह देंगे।
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बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया एजेंसी को बताया कि देखिए, अगर आप आईसीसी की नियम पुस्तिका पढ़ेंगे, तो विरोधी टीम से हाथ मिलाने के बारे में कोई स्पष्ट निर्देश नहीं है। यह एक सद्भावनापूर्ण कदम है और एक तरह की परंपरा है, न कि कोई कानून, जिसका पालन दुनिया भर के खेलों में किया जाता है।
आमतौर पर किसी भी मैच के बाद दोनों टीमों के खिलाड़ी आपस में हाथ मिलाते हैं। यह एक पुरानी परंपरा है, जो एक-दूसरे के प्रति सम्मान और खेल भावना का प्रतीक मानी जाती है। हालांकि, आईसीसी (ICC) के नियमों में कहीं भी यह अनिवार्य नहीं लिखा गया है कि खिलाड़ियों को हर हाल में हाथ मिलाना ही होगा। यह पूरी तरह से खेल भावना पर आधारित एक परंपरा है, कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं।
आईसीसी के आचार संहिता (Code of Conduct) के अनुच्छेद 2.1.8 के अनुसार, अगर कोई खिलाड़ी ऐसा कोई कार्य करता है जिससे खेल भावना को ठेस पहुंचती है, तो उस पर कार्रवाई संभव है। यह कार्रवाई दो स्तरों पर होती है। जो लेवल एक और दो के तहत आता है।
लेवल 1 अपराध:
इसमें खिलाड़ी को सिर्फ चेतावनी दी जा सकती है या उस पर $2000 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
लेवल 2 अपराध:
इसमें खिलाड़ी की 100% मैच फीस काटी जा सकती है और साथ ही डिमेरिट प्वाइंट भी दिए जाते हैं।