आईसीसी (फोटो- सोशल मीडिया)
दुबई: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने शुक्रवार को क्रिकेट के सभी प्रारूपों (टेस्ट, वनडे और टी20) के लिए कुछ अहम नए नियमों की घोषणा की है। इन नियमों का मकसद खिलाड़ियों की सुरक्षा बढ़ाना और खेल को और ज्यादा संतुलित बनाना है। अब अगर किसी खिलाड़ी को मैच के दौरान सिर पर चोट (कन्कशन) लगती है, तो वह खिलाड़ी तुरंत ठीक होकर भी कम से कम 7 दिन तक मैदान पर नहीं लौट सकेगा।
यह नियम खिलाड़ियों की सुरक्षा और सेहत को ध्यान में रखकर बनाया गया है। यह फैसला आईसीसी की चिकित्सा सलाहकार समिति की सिफारिश पर लिया गया है। इसके अलावा सीमित ओवरों के क्रिकेट में वाइड गेंद के नए नियम का ट्रायल और बाउंड्री पर कैच के संबंध में बदलाव शामिल हैं।
आईसीसी ने अपनी वेबसाइट पर कहा कि टेस्ट के लिए नए नियम 2025-2027 डब्ल्यूटीसी चक्र से लागू होंगे। जिसकी शुरुआत श्रीलंका और बांग्लादेश के बीच गॉल में पहले टेस्ट के साथ हुई थी। इन दोनों देशों के बीच आगामी सीमित ओवरों की सीरीज वनडे और टी20 अंतरराष्ट्रीय के लिए नए खेलने के नियमों की शुरूआत करेगी। श्रीलंका और बांग्लादेश दो जुलाई से तीन मैच की एकदिवसीय श्रृंखला खेलेंगे जिसके बाद 10 जुलाई से तीन मैचों की टी20 अंतरराष्ट्रीय सीरीज शुरू होगी।
‘कन्कशन’ (सिर पर चोट) प्रोटोकॉल के संदर्भ में आईसीसी ने कहा कि इसमें दो बदलाव किए गए हैं। पहला तो टीमों को अब हर मैच के लिए ‘कनकशन’ स्थानापन्न खिलाड़ी को नामांकित करना होगा। आईसीसी ने साथ ही घोषणा करते हुए कहा कि किसी भी खिलाड़ी को ‘कनकशन’ होने की स्थिति में न्यूनतम सात दिन तक खेल से बाहर (स्टैंड डाउन) रहना होगा।
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आईसीसी ने कहा कि मैच के दौरान कनकशन होने की स्थिति में खिलाड़ी को खेलने के लिए वापस आने से पहले कम से कम सात दिन की न्यूनतम ‘स्टैंड डाउन’ अवधि का पालन करना होगा। यह बदलाव आईसीसी की चिकित्सा सलाहकार समिति की सिफारिश के बाद किया गया ताकि खिलाड़ियों की सुरक्षा और भलाई का ध्यान रखा जाए।
आईसीसी ने कहा कि पूर्ण सदस्यों देशों द्वारा इन दोनों नए नियमों का ट्रायल अक्टूबर 2025 से शुरू होकर छह महीने तक किया जाएगा। इसमें वनडे और टी20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों के लिए एक नया ‘वाइड-बॉल’ नियम भी शामिल है जिसे गेंदबाज की मदद के लिए लाया जा रहा है। ट्रायल में गेंद डालते समय बल्लेबाज के पैरों की स्थिति को अब वाइड गेंद के लिए ‘संदर्भ बिंदु’ (रेफरेंस प्वाइंट) के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा, भले ही बल्लेबाज बाद में ऑफ साइड की ओर मुड़ जाए।
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आईसीसी ने कहा कि कोई भी लेग साइड वाली गेंद जो बल्लेबाज के पैरों के पीछे से होकर जाती है और लाइन से बाहर होती है, उसे भी वाइड कहा जा सकता है। इस बदलाव का मकसद गेंदबाजों को थोड़ी और राहत देना है, खासकर जब बल्लेबाज क्रीज़ में इधर-उधर घूमते हैं।
एक और नियम का ट्रायल घरेलू प्रथम श्रेणी क्रिकट में किया जाना है जिसमें टीमें अंतिम एकादश में चुने के बाद किसी खिलाड़ी के गंभीर रूप से चोटिल होने के बाद उसकी जगह किसी अन्य खिलाड़ी को शामिल कर सकती हैं। आईसीसी ने कहा कि मैच शुरू होने के बाद किसी भी समय (किसी भी मैच पूर्व अभ्यास सहित) अगर खेल के मैदान पर कोई खिलाड़ी गंभीर रूप से चोटिल हो जाता है तो मैच के बचे हुए हिस्से में खेलने के लिए उसके समान किसी भी खिलाड़ी द्वारा उसे बदला जा सकता है।