Chetan Chauhan Birthday: चेतन चौहान ने क्रिकेट में तो नाम कमाया ही उसके साथ उन्होंने राजनीति में भी अलग पहचान बनाई। आज 21 जुलाई को चेतन चौहान का जन्मदिन मनाया जा रहा है। हालांकि, उनका निधन 16 अगस्त 2020 हो गया। आज अगर चेतन चौहान जीवित होते तो वो अपना 78वां जन्मदिन मना रहे होते।
चेतन चौहान ने अपनी मेहनत, जज़्बे और जुनून से कई रास्तों पर चलते हुए इतिहास रचा। उन्होंने न सिर्फ क्रिकेट के मैदान पर अपना लोहा मनवाया, बल्कि राजनीति की पिच पर भी अपनी अलग पहचान बनाई। वो भारतीय टीम के सबसे भरोसेमंद बल्लेबाजों में शुमार थे। वहीं राजनीति में वो उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री रह चुके थे।
21 जुलाई 1947 को उत्तर प्रदेश के बरेली में जन्मे चेतन चौहान को बचपन से ही क्रिकेट से गहरा लगाव था। उनके अंदर की जीने की चाह और मेहनत ने उन्हें घरेलू क्रिकेट से होते हुए राष्ट्रीय टीम तक पहुंचा दिया। उन्होंने महाराष्ट्र और दिल्ली की ओर से रणजी ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन किया, जिससे उन्हें भारत की टेस्ट टीम में जगह मिली।
चेतन चौहान ने 25 सितंबर 1969 को न्यूजीलैंड के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू किया। पहला रन बनाने में उन्हें 25 मिनट लग गए, लेकिन यही उनकी धैर्यशील बल्लेबाज़ी का परिचय बना। उन्होंने भारत के लिए 40 टेस्ट मैच खेले और 2084 रन बनाए। भले ही वे कभी टेस्ट शतक नहीं बना सके, लेकिन 16 अर्धशतक और कई यादगार साझेदारियों से उन्होंने साबित किया कि रन बनाने से ज़्यादा जरूरी है टीम के लिए विकेट पर खड़े रह सकते हैं।
उनकी सबसे यादगार जोड़ी सुनील गावस्कर के साथ रही। दोनों ने मिलकर 59 पारियों में 3022 रन जोड़े और 10 बार शतकीय साझेदारियां कीं। उस दौर में यह जोड़ी भारतीय टेस्ट क्रिकेट की रीढ़ मानी जाती थी। वनडे क्रिकेट में उन्होंने 7 मुकाबलों में 153 रन बनाए। 1981 में उन्हें ‘अर्जुन पुरस्कार’ से नवाज़ा गया, जो उनकी मेहनत और समर्पण का राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान था।
क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद चेतन चौहान ने राजनीति का रुख किया। वे भारतीय जनता पार्टी से जुड़े और 1991 तथा 1998 में उत्तर प्रदेश के अमरोहा से लोकसभा सांसद चुने गए। यह उनकी लोकप्रियता और जनता से जुड़ाव का सबूत था। 2017 में उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार में युवा एवं खेल मंत्री बनाया गया। इस भूमिका में उन्होंने राज्य में खेल के विकास के लिए कई योजनाएं चलाईं, खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं दिलाने के लिए प्रयास किए और खेल संस्कृति को ग्रामीण स्तर तक पहुंचाने की कोशिश की।
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2020 की महामारी ने दुनिया को हिला दिया। चेतन चौहान भी कोविड-19 से संक्रमित हो गए। लंबी लड़ाई के बाद 16 अगस्त 2020 को उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन से क्रिकेट और राजनीति दोनों ही क्षेत्रों में गहरा शोक छा गया। आज जब हम चेतन चौहान को याद करते हैं, तो हमें उनका वो मुस्कुराता चेहरा, उनका धैर्य और उनका समर्पण याद आता है। वे चले गए, लेकिन उनकी कहानी आज भी ज़िंदा है, हम सबके दिलों में।