ब्रेंडन टेलर (फोटो-सोशल मीडिया)
Brendan Taylor Creates History: जिम्बाब्वे के दिग्गज बल्लेबाज ब्रेंडन टेलर ने हाल में ही खत्म हुई न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के बाद एक बड़ा रिकॉर्ड अपने नाम किया है। ब्रेंडन टेलर ने टेस्ट क्रिकेट में 2004 में डेब्यू किया था। वो अब इस फॉर्मेट में 21 साल और 95 दिन पूरे कर लिए हैं। उनका करियर टेस्ट इतिहास में 12वां सबसे लंबा और 1989 में सचिन तेंदुलकर के पदार्पण के बाद किसी भी क्रिकेटर का सबसे लंबा करियर है।
इसके साथ ही ब्रेंडन टेलर ने 21 वीं सदी में दो दशक से ज्यादा समय तक टेस्ट क्रिकेट खेलने वाले पहले खिलाड़ी बन गए हैं। टेलर ने इंग्लैंड के जेम्स एंडरसन को पीछे छोड़ दिया है। जेम्स एंडरसन ने टेस्ट क्रिकेट 21 साल 51 दिनों तक खेला। वहीं मुशफिकुर रहीम 20 साल 33 दिन से टेस्ट क्रिकेट खेल रहे और अभी सक्रिय है। इस सदी में केवल तीन खिलाड़ी ही दो दशक से ज्यादा खेल सके हैं।
जिम्बाब्वे और न्यूजीलैंड के बीच हालिया टेस्ट में विश्व क्रिकेट के कुछ सबसे अनुभवी खिलाड़ी शामिल हुए। क्रेग एर्विन (39 वर्ष 355 दिन), टेलर (39 वर्ष 184 दिन), सिकंदर रजा (39 वर्ष 107 दिन) और सीन विलियम्स (38 वर्ष 317 दिन) वर्तमान में जिम्बाब्वे के सबसे उम्रदराज सक्रिय टेस्ट क्रिकेटर हैं। उनके ठीक पीछे ऑस्ट्रेलिया के उस्मान ख्वाजा हैं, जिनकी उम्र 38 वर्ष और 234 दिन है।
न्यूजीलैंड ने शनिवार को बुलावायो में जिम्बाब्वे पर एक पारी और 359 रनों से बड़ी जीत हासिल की। इस जीत के साथ कीवी टीम ने सीरीज 2-0 से जीत ली और टेस्ट क्रिकेट इतिहास में अपनी सबसे बड़ी जीत दर्ज की। यह जीत रनों के लिहाज से टेस्ट मैचों में तीसरी सबसे बड़ी जीत है, इससे पहले 1938 में इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया पर पारी और 579 रनों से जीत दर्ज की थी और ऑस्ट्रेलिया ने दक्षिण अफ्रीका पर पारी और 360 रनों से जीत दर्ज की थी।
ज़िम्बाब्वे ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी का फैसला किया, लेकिन उनकी शुरुआत बेहद खराब रही। सिर्फ़ ब्रेंडन टेलर (44 रन, 107 गेंद, 6 चौके) और तफादज़्वा त्सिगा (33* रन, 54 गेंद, 4 चौके) ही 20 रन से ज़्यादा बना सके। न्यूज़ीलैंड के गेंदबाज़ मैट हेनरी (5 विकेट 40 रन) और फॉल्केस (4 विकेट 38 रन) की शानदार गेंदबाज़ी की वजह से ज़िम्बाब्वे की पूरी टीम 48.5 ओवर में सिर्फ़ 125 रन पर ढेर हो गई।
जवाब में न्यूज़ीलैंड की टीम ने जबरदस्त बल्लेबाज़ी की। ओपनर डेवोन कॉनवे ने 153 रन (245 गेंद, 18 चौके) बनाए और विल यंग (74 रन, 101 गेंद, 11 चौके) के साथ 162 रनों की साझेदारी की। इसके बाद हेनरी निकोल्स (150* रन, 245 गेंद, 15 चौके) और रचिन रविंद्र (165* रन, 139 गेंद, 21 चौके, 2 छक्के) ने मिलकर चौथे विकेट के लिए 256 रनों की बड़ी साझेदारी की। न्यूज़ीलैंड ने 601/3 रन बनाकर पारी घोषित कर दी और 476 रनों की विशाल बढ़त ले ली।
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दूसरी पारी में ज़िम्बाब्वे की हालत और भी खराब रही। सिर्फ़ निक वेल्च (47* रन, 71 गेंद, 7 चौके) कुछ देर टिक सके। बाकी सभी बल्लेबाज़ फेल रहे। फॉल्केस ने फिर से कमाल दिखाया और 5 विकेट (37 रन देकर) लिए। हेनरी और डफ़ी को भी दो-दो विकेट मिले। ज़िम्बाब्वे की टीम सिर्फ़ 117 रन पर ऑलआउट हो गई।