मोहम्मद अजहरुद्दीन (सोर्स- सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: जब वह पिच पर खेलते थे तो उनकी कलाइयां मैच का रुख बदल देती थीं, फिर चाहे वह लेग स्लाइड में फ्लिक शॉट हो या ऑफ साइड पर कट। उनकी कलाइयां सबकुछ करती थीं। मौका मिलने पर वह स्लॉग शॉट भी मारते थे। आज भले ही हम एमएस धोनी के हेलीकॉप्टर शॉट की बात करें, लेकिन वह यह शॉट साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहले ही मार चुके थे।
हम बात कर रहे हैं टीम इंडिया के सबसे सफल कप्तानों में से एक मोहम्मद अजहरुद्दीन की, जो कि आज अपना 62वां जन्मदिन मना रहे हैं। अजहरुद्दीन का जन्म 8 फरवरी 1963 को हैदराबाद में हुआ था। क्रिकेटर के तौर पर अपने करियर की शुरुआत करने वाले मोहम्मद अजहरुद्दीन ने राजनीति में भी अपना परचम लहराया है। उन्होंने संसद तक का सफर तय किया है।
अजहर कमाल के फील्डर थे, बिना देखे विकेट पर गेंद फेंकने के उनके अंदाज के क्रिकेट प्रशंसक दीवाने थे। मोहम्मद अजहरुद्दीन के नाम आज भी एक ऐसा रिकॉर्ड दर्ज है, जो आज तक कोई भी क्रिकेटर हासिल नहीं कर पाया है। दरअसल, अजहरुद्दीन एकमात्र ऐसे क्रिकेटर हैं, जिन्होंने लगातार तीन टेस्ट मैचों में तीन शतक जड़े हैं।
अजहर के ये तीनों शतक 31 दिसंबर 1984 से 31 जनवरी 1985 तक इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैचों में आए। कोलकाता के ईडन गार्डन्स में अपनी पहली पारी में अजहर ने 110 रन बनाए। दूसरी पारी में उन्हें बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला। दूसरा टेस्ट चेन्नई में हुआ, जहां उन्होंने पहली पारी में 48 और दूसरी पारी में 105 रन बनाए। फिर तीसरा टेस्ट कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में हुआ, जहां उन्होंने 122 और नाबाद 54 रनों की पारी खेली।
अजहर के नाम टेस्ट मैचों में शतकों की हैट्रिक यानी तीन टेस्ट और तीन शतक का रिकॉर्ड है। हालांकि, अजहर सिर्फ 99 टेस्ट मैच ही खेल पाए और एक तरह से 99 पर नाबाद रहे। 2012 में आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने अपील के बाद अजहर पर लगा आजीवन प्रतिबंध हटा दिया। साल 2019 में अजहर हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष भी बने।
कॉट आउट: क्राइम, करप्शन नाम से एक डॉक्यूमेंट्री कुछ समय पहले नेटफ्लिक्स पर क्रिकेट भी रिलीज हुई थी। जिसमें साल 2000 के फिक्सिंग एपिसोड की चर्चा की गई थी। सिर्फ 99 टेस्ट ही खेल सके, ऐसा रहा अजहरुद्दीन का क्रिकेट करियर कथित तौर पर फिक्सिंग में नाम आने के कारण अजहरुद्दीन 100 टेस्ट खेलने के ऐतिहासिक कारनामे से चूक गए। उन्होंने कुल 99 टेस्ट मैचों में 45.03 की औसत से 22 शतक और 21 अर्धशतक की मदद से 6215 रन बनाए। उनका उच्चतम स्कोर भी 199 रहा।
अजहर ने टेस्ट मैचों में कुल 105 कैच लपके। अजहर ने 334 वनडे मैच खेले, जिसमें उन्होंने 7 शतक और 58 अर्धशतक की मदद से 36.92 की औसत से 9378 रन बनाए। उन्होंने 156 कैच भी लपके। उन्होंने 156 कैच लिए हैं। अजहर से पीछे विराट कोहली हैं, जिनके नाम 151 कैच हैं।
महेला जयवर्धने ने सबसे ज्यादा 218 वनडे कैच लिए हैं। अजहर उन खिलाड़ियों में शामिल हैं, जिन्होंने अपने पहले और आखिरी टेस्ट मैच में शतक लगाया है। उनकी कप्तानी में भारत ने 14 टेस्ट मैच और 103 वनडे मैच जीतकर इतिहास रच दिया था। बाद में टेस्ट मैच का रिकॉर्ड सौरव गांगुली ने और वनडे का रिकॉर्ड एमएस धोनी ने तोड़ा था। 40 टेस्ट जीत चुके विराट कोहली भारत के सबसे सफल कप्तान हैं। वनडे में 110 जीत के साथ धोनी सबसे सफल कप्तान हैं।
मोहम्मद अजहरुद्दीन का करियर उतार-चढ़ाव से भरा रहा है। क्योंकि इसमें मैच फिक्सिंग के आरोप, दो शादियां, दो तलाक जैसी चीजें शामिल रहीं। मोहम्मद अजहरुद्दीन अपनी शादी और एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर को लेकर भी चर्चा में रहे। उन्होंने दो बार शादी की। अजहर की पहली शादी नौरीन से हुई थी। अजहरुद्दीन ने नौरीन को तलाक देकर 1996 में संगीता बिजलानी से शादी कर ली थी। हालांकि, 14 साल बाद दोनों ने आपसी सहमति से तलाक ले लिया।
साल 2000 में अजहर का नाम मैच फिक्सिंग में आया और उन पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया। हालांकि, साल 2012 में आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने उन पर लगे आजीवन प्रतिबंध को खारिज कर दिया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। अजहर का क्रिकेट करियर इससे काफी पहले ही खत्म हो चुका था।
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अजहरुद्दीन ने भारत के लिए 334 वनडे मैचों में 36 से ज्यादा की औसत से 9378 रन बनाए। अजहर ने वनडे में 7 शतक और 58 अर्धशतक लगाए। वहीं, टेस्ट में उनके बल्ले से 45.03 की औसत से 6215 रन निकले। अजहर ने 22 शतक और 21 अर्धशतक लगाए। साल 2009 में वे कांग्रेस में शामिल हुए और मुरादाबाद लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे। 2014 का चुनाव वे हार गए थे। 2018 में उन्हें तेलंगाना कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया।