आंद्रे रसेल (फोटो-सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: वेस्टइंडीज के स्टार ऑलराउंडर और दुनियाभर के लीग में अपनी ताबड़तोड़ अंदाज के लिए मशहूर आंद्रे रसेल ने वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड ने उन्हें जबरदस्ती लिमिटेड ओवर फॉर्मेट का प्लेयर बना दिया। जिसके बाद वो कभी टेस्ट टीम का हिस्सा नहीं बन सके। वेस्टइंडीज क्रिकेट उन्हें लिमिटेड ओवर फॉर्मेट के विशेषज्ञ के तौर पर सीमित कर दिया।
रसेल ने कहा कि मैंने हमेशा टेस्ट क्रिकेट को महत्व दिया है और जब तक यह मेरे हाथ में था, मैंने इससे कभी भी मुंह नहीं मोड़ा। लेकिन ऐसा लगता है कि मुझे टेस्ट क्रिकेट से बाहर कर दिया गया। मैंने टेस्ट क्रिकेट से दूरी नहीं बनाई बल्कि उन्होंने मुझे इस फॉर्मेट से दूर कर दिया।
गौरतलब है कि आंद्रे रसेल ने 2010 में गाले (श्रीलंका) के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था, जिसमें उन्होंने 2 रन बनाए और 1 विकेट लिया था। हालांकि इसके बाद उन्होंने दोबारा कभी टेस्ट क्रिकेट नहीं खेला और वनडे तथा टी20 के विशेषज्ञ बन गए। बाद में वो दूनिया भर की टी20 लीग खेलने लगे।
रसेल ने वेस्टइंडीज और इंग्लैंड के बीच शुरू हुई टी20 सीरीज से पहले The Guardian को दिए एक इंटरव्यू में अपनी बात रखते हुए कहा कि मैं टेस्ट क्रिकेट में विश्वास करता हूं, लेकिन आखिर में मैं एक प्रोफेशनल हूं। टेस्ट क्रिकेट मेरी यात्रा का हिस्सा नहीं रहा। मुझे कोई पछतावा नहीं है, क्योंकि यह मैंने नहीं छोड़ा, मुझसे छुड़वाया गया। उन्होंने आगे कहा कि असल में मुझे टेस्ट सेट-अप से बाहर कर दिया गया। उन्होंने मुझे एक व्हाइट-बॉल खिलाड़ी के रूप में देखा और बात वहीं खत्म हो गई।
जब आंद्रे रसेल को विराट कोहली के उस बयान के बारे में बताया गया, जिसमें कोहली ने आईपीएल जीतने के बाद कहा था कि यह टेस्ट क्रिकेट से अभी भी “पांच स्तर नीचे” है और टेस्ट ही सबसे सम्मानजनक फॉर्मेट है। तब रसेल ने कहा कि वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों के लिए ऐसा नहीं है।
रसेल ने कहा कि भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट को इसलिए पसंद करते हैं क्योंकि वहां टेस्ट खेलने पर अच्छी सैलरी मिलती है और खिलाड़ी आरामदायक जिंदगी जी सकते हैं। लेकिन वेस्टइंडीज में ऐसा नहीं है। वहां टेस्ट क्रिकेट खेलने से इतनी कमाई नहीं होती, इसलिए खिलाड़ी दूसरी टी20 लीगों की ओर ज्यादा ध्यान देते हैं।