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नवभारत डेस्क: पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, हमें वह भजन बहुत मधुर लगता है- पायोजी मैंने रामरतन धन पायो, वस्तु अमोलक दी मेरे सदगुरू, भवसागर तरयायो!’’ हमने कहा, ‘‘रामरतन की बजाय भारत रत्न की फिक्र करो। इस बार नए वर्ष के गणतंत्र दिवस के पूर्व किसे देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न देने की घोषणा की जा सकती है? चाहें तो आप कुछ नामों का सुझाव दीजिए। वैसे नाम तय करना सरकार की मर्जी पर निर्भर है।’’
पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, पिछले वर्ष सरकार ने हैट्रिक करते हुए एक साथ 3 भारत रत्न घोषित किए थे। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरणसिंह, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर जैसे दिवंगत नेताओं के अलावा बीजेपी ने परामर्शदाता मंडल में भेजे गए अपने पुराने नेता व पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किया था।
इस बार डॉ. मुरलीमनोहर जोशी को यह सम्मान दे दिया जाए। वे भी तो परामर्शदाता मंडल में हैं जिसका परामर्श कोई नहीं लेता। जब आडवाणी को सर्वोच्च अलंकरण मिला तो जोशी क्यों वंचित रखे जाएं?’’ हमने कहा, ‘‘अपने दिमाग का इस्तेमाल करते हुए कुछ और नाम बताइए। हमारा भारत देश रतनों की खान है। हमेशा 8-10 नामों की सूची देनी चाहिए जिसकी शार्टलिस्टिंग की जा सके।’’
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पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, केंद्रीय मंत्री व बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू के नाम की भारत रत्न के लिए सिफारिश की है तो हम भी पीछे क्यों रहें? अमिताभ बच्चन सरकार के जनजागृति अभियान के प्रचार में अपना योगदान देते रहे हैं। वे सम्मानित अभिनेता हैं जिनका देश-विदेश में नाम है। उन्हें और रजनीकांत दोनों को भारत रत्न दिया जा सकता है। समाजसेवी अन्ना हजारे के बारे में भी सोचा जा सकता है।
दिवंगतों में तबलावादक जाकिर हुसैन और निर्देशक श्याम बेनेगल के नाम हैं। योगासन, स्वदेशी औषधि और व्यवसाय की त्रिवेणी प्रवाहित करनेवाले बाबा रामदेव का नाम कैसा रहेगा?’’ हमने कहा, ‘‘यदि केवल एक ही नाम तय करना हो तो समाजवादी नीतियों को छोड़कर नई आर्थिक नीति और खुली अर्थव्यवस्था लानेवाले स्व। डा। मनमोहन सिंह को भारत रत्न देने का बहुत ही स्ट्रांग केस बनता है। मोदी सरकार अचानक यह ट्रम्पकार्ड चलकर कांग्रेस को हक्का-बक्का कर सकती है।’’
(लेख चंद्रमोहन द्विवेदी द्वारा)