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नवभारत डेस्क: कोई राजनीति में परिवारवाद की कितनी भी आलोचना करे लेकिन यह तथ्य है कि महाराष्ट्र की राजनीति लगभग 50 परिवारों के आसपास घूमती है। बारामती में पवार विरुद्ध पवार का मुकाबला होने वाला है। वहां अजीत पवार की अपने भतीजे युगेंद्र से टक्कर होगी। युगेंद्र को शरद पवार गुट ने अपना प्रत्याशी बनाया है। वह अजीत पवार के बड़े भाई श्रीनिवास पवार के पुत्र हैं। बीजेपी नेता स्व. गोपीनाथ मुंडे के परिवार के 3 लोग राजनीति में सक्रिय हैं।
धनंजय मुंडे, पंकजा मुंडे और प्रीतम मुंडे। इसी तरह भुजबल, शिंदे और खडसे आदि के परिवार के सदस्य राजनीति में हैं। नारायण राणे और उनके पुत्र काफी घूम-फिर कर बीजेपी में आकर टिक गए लेकिन अब नारायण राणे के पुत्र नीलेश एकनाथ शिंदे की शिवसेना में शामिल हो गए है। गणेश नाईक को बीजेपी ने उम्मीदवारी दी फिर भी उनके पुत्र संदीप ने शरद पवार की एनसीपी में प्रवेश किया।
उनका उद्देश्य नाईक घराने की विरोधी मंदा म्हात्रे को सबक सिखाना है। मंदा बीजेपी की उम्मीदवार हैं। इसका अर्थ यह हुआ कि पिता-पुत्र अगल-बगल के 2 चुनाव क्षेत्रों में एक दूसरे के खिलाफ प्रचार करेंगे। संदीप का आरोप है कि बीजेपी ने वचन नहीं निभाया। गणेश नाईक को बेटे के कदम से मतलब नहीं है। उन्होंने आसानी से बीजेपी की उम्मीदवारी स्वीकार कर ली।
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बीजेपी के शेलार बंधु और शिवसेना के सामंत बंधु अब विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। एक भाई संसद में रहेगा तो दूसरा विधानसभा में! अहिल्या नगर में विखे और थोरात घराने की तीसरी पीढ़ी अब एक दूसरे के खिलाफ लड़ रही है। पश्चिम महाराष्ट्र के चुनाव रिश्तेदारों के बीच ही लड़े जा रहे हैं किसी का भांजा एक पार्टी में तो दामाद दूसरी पार्टी में है।
कहीं सगे भाई नूरा कुश्ती लड़ रहे हैं। ये लोग बेशर्मी से पार्टी बदल लेते हैं या पार्टी चुनाव चिन्ह को लेकर समझौता कर लेते हैं। शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे परिवारवाद को लेकर नेहरू-गांधी घराने की आलोचना करते थे लेकिन आज उनके बेटे और पौत्र तथा 2 नाती भी विधानसभा में जाने की इच्छा रखते हैं। नेताओं के परिवारजन राजनीति छोड़कर दूसरा कोई उद्योग-व्यवसाय नहीं करते।
बात की जाती है सामाजिक न्याय की लेकिन जब टिकट देने का समय आता है तो सबसे पहले परिवारजनों का ध्यान रखा जाता है। राष्ट्रीय स्तर पर देखा जाए तो उत्तर से लेकर दक्षिण भारत तक सभी पार्टियों में परिवारवाद व्याप्त है। करूणानिधि के बाद स्टालिन, अलगिरी, कनिमोझी और उदयनिधि, मुलायम परिवार में शिवपाल, अखिलेश, डिंपल यादव, लालू प्रसाद यादव के पुत्र तेजस्वी, तेजप्रताप ऐसी कितनी ही मिसाल सामने हैं।
लेख- चंद्रमोहन द्विवेदी द्वारा