आज का निशानेबाज (सौ. डिजाइन फोटो)
नवभारत डिजिटल डेस्क: पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘निशानेबाज, मच्छर को मामूली मत समझना। वह मरने के बाद भी चोर को पकड़वा देता है। चीन के फूजियान प्रांत के एक घर में चोरी करने के लिए एक चोर घुसा। वहां 2 मच्छरों ने उस चोर को काट लिया। चोर ने इन मच्छरों को मारा तो वह पिये हुए खून समेत दीवार पर चिपक गए। जांच अधिकारियों ने बेहद सावधानीपूर्वक खून के नमूनों को दीवार से इकट्ठा किया। चोर के डीएनए से मच्छरों का सैंपल मैच होने पर चोर को गिरफ्तार कर लिया गया। उसने चोरी की और 4 वारदातों को कबूल किया। इसलिए अब दुनिया के तमाम चोरों को होशियार हो जाना चाहिए। चोरी करने जाएं तो मच्छर बिल्कुल न मारें। मरा हुआ मच्छर भी फंसा देता है।’
हमने कहा, ‘एक फिल्म में नाना पाटेकर का डायलाग है- एक मच्छर भी आदमी को बना देता है! मच्छर कई प्रकार के होते हैं। क्यूलेक्स और एनोफिलीज। मच्छर काटने से मलेरिया हो जाता है कुनैन का आविष्कार होने से पहले बंगाल और छत्तीसगढ़ में हजारों लोग मलेरिया से जान गंवा देते थे। वहां पोखर, तालाब और पानी का जमाव होने से मच्छर ज्यादा होते हैं। इन राज्यों के अधिकांश लोग मच्छरदानी लगाए बिना सोते नहीं। इसके अलावा एडीज नामक मच्छर के काटने से डेंगू या चिकनगुन्या जैसी बीमारी होती है। डेंगू जानलेवा हो जाता है और चिकनगुन्या में पैर बुरी तरह सूज जाते हैं और 2-3 महीने यह तकलीफ बनी रहती है। एलोपैथी में इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है। सिर्फ पेनकिलर देते हैं।
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अब मच्छर डीडीटी के छिड़काव से भी नहीं मरते। कछुआ अगरबत्ती, मार्टिन क्वाइल, ओडोमास क्रीम का मार्केट मच्छर की वजह से है। जिस व्यक्ति का ‘ओ’ ब्लडग्रुप है उसे मच्छर ज्यादा काटते हैं। इसलिए मच्छर से बचने के लिए कंबल ओढ़कर और फैन फुलस्पीड चालू करके सोना चाहिए। देहात में लोग नीम की सूखी पत्तियां जलाकर उसके धुएं से मच्छर भगाते हैं। मच्छर बड़ा चालाक और चपल होता है। उसे मारने की कोशिश करो तो तुरंत उड़ कर भाग जाता है। बदन में सरसों का कड़वा तेल लगाओ तो मच्छर पास में नहीं आएगा।’ पड़ोसी ने कहा, ‘निशानेबाज, मच्छर महापुराण की कथा यहीं बंद कीजिए। राग, द्वेष, मत्सर (ईष्र्या) के अलावा मच्छर से भी दूर रहना चाहिए।’
लेख-चंद्रमोहन द्विवेदी के द्वारा