Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो
  • चुनाव

  • ई-पेपर
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • राजनीति
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • क्राइम
  • नवभारत विशेष
  • मनोरंजन
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़
  • वायरल
  • अन्य
    • ऑटोमोबाइल
    • टेक्नॉलजी
    • करियर
    • धर्म
    • टूर एंड ट्रैवल
    • वीडियो
    • फोटो
    • चुनाव
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • क्राइम
  • लाइफ़स्टाइल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • राजनीति
  • बिज़नेस
  • ऑटोमोबाइल
  • टेक्नॉलजी
  • धर्म
  • वेब स्टोरीज़
  • करियर
  • टूर एंड ट्रैवल
  • वीडियो
  • फोटो
  • चुनाव
In Trends:
  • Bihar Assembly Election 2025 |
  • Aaj ka Rashifal |
  • ICC Women’s Cricket World Cup |
  • Donald Trump |
  • Weather Update |
  • Share Market
Follow Us
  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, अब मान्य होगा कोटे के अंदर कोटा…!!

सुप्रीम कोर्ट ने 1 अगस्त को पांच-सदस्यों वाली खंडपीठ के 2004 के ईवी चिन्मैया बनाम आंध्रप्रदेश सरकार मामले में दिए गए फैसले को 6-1 के बहुमत से पलट दिया। दरअसल, हरियाणा, आंध्रप्रदेश व तमिलनाडु ने भी पंजाब के नक्शेक़दम पर चलने का प्रयास किया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के 2004 के फैसले ने उनकी कोशिशों पर पानी फेर दिया था।

  • By किर्तेश ढोबले
Updated On: Aug 03, 2024 | 10:56 AM

(डिजाइन फोटो)

Follow Us
Close
Follow Us:

नवभारत डेस्क: ट्रेन के जनरल कम्पार्टमेंट में पैर रखने की जगह नहीं होती इसलिए जो उसमें सवार हो गए होते हैं, उनकी कोशिश होती है कि नए यात्री डिब्बे में प्रवेश न कर पाएं, लेकिन जब धक्कामुक्की करके कोई यात्री प्रवेश करने में सफल हो जाता है तो वह भी डिब्बे के अन्य यात्रियों के साथ मिलकर इस प्रयास में लग जाता है कि अब कोई अतिरिक्त मुसाफिर इस डिब्बे में घुस न पाये। सुप्रीम कोर्ट की 7 न्यायाधीशों वाली खंडपीठ में न्यायाधीश बीआर गवई ने अनुसूचित जाति (एससी) व अनुसूचित जनजाति (एसटी) आरक्षण में उप-श्रेणियों का विरोध करने वालों की तुलना रेल के जनरल कम्पार्टमेंट के मुसाफिरों से करते हुए कहा कि एससी व एसटी में जो गैर-बराबर हैं उन्हें बराबर मानकर नहीं चला जा सकता। न्यायाधीश गवई की इस बात से मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड, न्यायाधीश विक्रमनाथ, न्यायाधीश पंकज मित्तल, न्यायाधीश मनोज मिश्र व न्यायाधीश एससी शर्मा सहमत थे, जबकि न्यायाधीश बेला एम त्रिवेदी असहमत थीं।

अतः सुप्रीम कोर्ट ने 1 अगस्त को पांच-सदस्यों वाली खंडपीठ के 2004 के ईवी चिन्मैया बनाम आंध्रप्रदेश सरकार मामले में दिए गए फैसले को 6-1 के बहुमत से पलटते हुए अपने ऐतिहासिक निर्णय में राज्यों को यह अनुमति दी कि वह सामाजिक-आर्थिक पिछड़ेपन व सरकारी नौकरियों में कम प्रतिनिधित्व की डिग्री के आधार पर अनुसूचित जाति समुदाय में जातियों की उप-श्रेणियां बना सकते हैं, यह सुनिश्चित करने के लिए कि 15 प्रतिशत एससी आरक्षण का हिस्सा उनमें जो पिछड़े हैं उनको मिले। लेकिन साथ ही सरकारों से यह भी कहा कि वह एससी व एसटी की मलाईदार परत या क्रीमीलेयर को आरक्षण का लाभ उठाने से रोकने के लिए उचित क्राइटेरिया गठित करें।

जस्टिस बेला त्रिवेदी असहमत

इस फैसले के साथ अपनी असहमति दर्ज कराते हुए न्यायाधीश बेला एम त्रिवेदी ने कहा कि अनुसूचित जातियां ‘सजातीय वर्ग हैं’ और उसमें ‘राज्यों द्वारा छेड़छाड़ नहीं की जा सकती’ ध्यान से देखें तो न्यायाधीश गवई का यह कहना एकदम दुरुस्त है कि एससी/एसटी पैरेंट्स के जिन बच्चों ने आरक्षण का लाभ उठाते हुए उच्च पद हासिल कर लिए हैं और अब सामाजिक, आर्थिक व शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े नहीं हैं, उनकी तुलना शारीरिक श्रम करने वाले पैरेंट्स के बच्चों से नहीं की जा सकती। इस लिहाज से सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी/एसटी के भीतर उप-श्रेणियों की अनुमति देना सही फैसला है। राज्य सरकारों को एससी व एसटी में मलाईदार परत (उन व्यक्तियों के बच्चे जो आरक्षण का लाभ उठा चुके हैं) की भी पहचान करनी है। कुल मिलाकर उप-श्रेणियां सकारात्मक कदम है। दुर्भाग्य से आरक्षण सियासी वर्ग के लिए चुनावी अभियान में चलाया जाने वाला तीर बनकर रह गया है। जो सम्पन्न हैं, उन्होंने आरक्षण का अधिक लाभ उठाया है, जबकि कमजोरों को हाशिये पर धकेल दिया गया है।

यह भी पढ़ें :– देश में एक के बाद एक हो रहे रेल हादसे, सिर्फ बयानबाजी तक ही सीमित सुरक्षा उपाय

उपश्रेणी की आवश्यकता

इस लचीलेपन से समुदायों को कूदते हुए और एससी/एसटी सूचियों को बढ़ते हुए देखा गया है। अगर ईमानदारी व प्रभावी ढंग से उप-श्रेणियां बनायी जाती हैं कि जो वास्तव में सामाजिक दृष्टि से अति पिछड़े हैं उनकी पहचान करके उन्हें शामिल किया जस्टिस सतीरानंद सी जाये तो एससी/एसटी आरक्षण अधिक समावेशी हो जायेगा। पंजाब की 32 प्रतिशत जनसंख्या एससी है। उसने उप-श्रेणी की आवश्यकता को 1975 में ही महसूस कर लिया था और एससी आरक्षण का 50 प्रतिशत हिस्सा वाल्मीकियों व मजहबी सिखों के लिए रिजर्व कर दिया था। हरियाणा, आंध्रप्रदेश व तमिलनाडु ने भी पंजाब के नक्शेक़दम पर चलने का प्रयास किया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के 2004 के फैसले ने उनकी कोशिशों पर पानी फेर दिया था, जिसे अब सुप्रीम कोर्ट की ही बड़ी बेंच ने पलट दिया है।

यह भी पढ़ें :- UPSC ने नियुक्ति की रद्द, धोखेबाज पूजा खेड़कर का फ्राड आया सामने

एससी जातियों की संख्या लगभग 1,200 है और एसटी कबीले 715 से अधिक हैं। इनमें से हर एक के सामाजिक-आर्थिक डाटा की व्याख्या करनी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने तो सब-कोटा की संवैधानिकता के आधार पर फैसला दिया है, अब इसका सकारात्मक योगदान कैसे होगा, यह राजनीति के खेल पर निर्भर रहेगा। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि कोई राज्य मनमाने ढंग से किसी जाति के लिए सब-कोटा निर्धारित न करे। उसके पास अपने फैसले के लिए उचित कारण होने चाहिए, जोकि न्यायिक समीक्षा के लिए भी खुले रहेंगे। इसके बावजूद इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि राज्य सियासी व चुनावी कारणों से मनमानी नहीं करेंगे, भले ही बाद में मामला अदालतों में जाये या सड़कों पर। लेक चंद्रमोहन द्विवेदी द्वारा

Supreme court judgment on scheduled castes sub classification

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: Aug 03, 2024 | 10:56 AM

Topics:  

  • Supreme Court

सम्बंधित ख़बरें

1

शिवसेना चुनाव चिन्ह विवाद : उद्धव ठाकरे की याचिका पर 12 नवंबर को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

2

‘…तो बाकी जजों का क्या होगा?’, CJI पर जूता उछालने पर भड़के केजरीवाल, बताया गहरी साजिश!

3

CJI पर जूता उछालने वाले वकील का सनसनीखेज खुलासा, नूपुर शर्मा का नाम लेकर बताई हमले की असली सच्चाई

4

फुटाला नहीं है ‘वेटलैंड’, अस्थायी निर्माण को सुप्रीम कोर्ट ने दी हरी झंडी, HC के फैसले को रखा बरकरार

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • अकोला
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.