CJI पर जूता उछालने की कोशिश में अरविंद केजरीवाल को नजर आई साजिश (फोटो- सोशल मीडिया)
Arvind Kejriwal Remark on CJI Shoe Thrown: चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई पर जूता उछालने की घटना पर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस घटना को हमला नहीं, बल्कि न्यायपालिका को झुकाने की एक सोची-समझी साजिश करार दिया है। केजरीवाल ने इस घटना पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि यह पूरे न्यायिक तंत्र के लिए एक खतरनाक संदेश है। उन्होंने दोषियों के खिलाफ ऐसी कड़ी कार्रवाई की मांग की है जो भविष्य के लिए एक मिसाल बन जाए।
अरविंद केजरीवाल ने सीजेआई गवई की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने आरोपी वकील राकेश किशोर के खिलाफ कोई कार्रवाई न करके अपनी महानता दिखाई है। लेकिन इसके साथ ही उन्होंने एक गंभीर सवाल भी उठाया। केजरीवाल ने कहा, “इस घटना ने पूरे न्यायिक तंत्र को एक रोंगटे खड़े कर देने वाला संदेश दिया है कि अगर कोई मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेंककर बच सकता है, तो फिर बाकी जजों की क्या बात करें? क्या बाकी जज सुरक्षित हैं?” यह सवाल न्यायपालिका की सुरक्षा पर एक बड़ी बहस छेड़ता है।
केजरीवाल ने इस मामले को सिर्फ कोर्ट रूम की घटना तक सीमित नहीं रखा। उन्होंने सोशल मीडिया पर चल रहे ट्रेंड की ओर इशारा करते हुए कहा कि जिस तरह से जस्टिस गवई का मजाक उड़ाया जा रहा है और उन्हें धमकियां दी जा रही हैं, उससे साफ लगता है कि यह कोई अकेली घटना नहीं है। उनके अनुसार, यह पूरी न्यायपालिका को झुकाने और अपने अधीन करने के लिए एक पूर्व नियोजित और व्यवस्थित कोशिश है। उन्होंने न्यायपालिका से इन “गुंडों” के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की अपील की, ताकि न्यायपालिका की स्वतंत्रता बनी रहे।
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दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने इस मामले में कड़े कदम उठाने की जोरदार वकालत की है। उन्होंने मांग की है कि सिर्फ जूता फेंकने की कोशिश करने वाले पर ही नहीं, बल्कि उन सभी लोगों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए जो सोशल मीडिया पर सीजेआई का मजाक बना रहे हैं या उन्हें धमकी दे रहे हैं। केजरीवाल ने कहा कि इन लोगों के खिलाफ ऐसी मिसाली कार्रवाई होनी चाहिए कि भविष्य में कोई भी न्यायपालिका से इस तरह का दुस्साहस करने या “पंगा लेने” की हिम्मत न कर सके।