GST दर पर काउंसिल (सौ. डिजाइन फोटो)
नवभारत डिजिटल डेस्क: अति शक्तिशाली जीएसटी परिषद ने जटिल गुड्स व सर्विसेज कर व्यवस्था के संपूर्ण ओवरहाल को मंजूरी प्रदान कर दी है. सामान्य इस्तेमाल की चीजों जैसे हेयर ऑयल से लेकर कॉर्न फ्लेक्स, टीवी व व्यक्तिगत स्वास्थ्य और जीवन बीमा पॉलिसीज तक जीएसटी कर-स्तर (टैक्स स्लैब) को कम कर दिया गया है, जिससे इन चीजों के सस्ती होने का अनुमान है। चूंकि नए कर-स्तर त्योहारों के मौसम से पहले ही नवरात्रि के पहले दिन 22 सितंबर 2025 से लागू हो जाएंगे इसलिए लोग दशहरा, दीपावली आदि पर अच्छी खरीदारी कर सकेंगे और अगली वित्तीय तिमाही भी बेहतर हो सकती है। यह जरूरी भी था. जीएसटी परिषद के निर्णय को देर आयद, दुरुस्त आयद कहा जा सकता है. यह फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि सरकार घरेलू खर्च को प्रोत्साहित करना चाहती है ताकि अमेरिकी टैरिफ से लगे आर्थिक झटके के विरुद्ध कुशन उत्पन्न किया जा सके।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि सभी निर्णय सर्वसम्मति से लिए गए और किसी भी राज्य ने किसी भी बात पर असहमति व्यक्त नहीं की। अभी तक जीएसटी के चार स्लैब थे 5, 12, 18 व 28%. इन्हें घटाकर अब दो-दर की संरचना कर दी गई है 5 व 1%. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी लंबे समय से जीएसटी में यही परिवर्तन करने का सुझाव दे रहे थे व मांग कर रहे थे। यह कहना तो मुश्किल है कि सरकार ने राहुल की मांग मानी है या ट्रंप टैरिफ के चलते ऐसा करने की मजबूरी थी, वैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से अपने भाषण में इस संदर्भ में संकेत अवश्य दिया था. 5 व 18% के कर-स्तर के अतिरिक्त एक विशेष 40% का स्लैब भी प्रस्तावित है कुछ चुनी हुई वस्तुओं के लिए जैसे हाई-एंड कार, तंबाकू व सिगरेट।
यह स्वागत योग्य है कि रोजमर्रा के इस्तेमाल के फूड आइटम्स पर शून्य टैक्स दर जारी रहेगी, जबकि सामान्य प्रयोग के फूड व बेवरीज मक्खन व घी से लेकर ड्राई नट्स, जैम व जेली, नारियल पानी, नमकीन, 20-लीटर की बोतल पैक पानी, फ्रूट जूस, आइसक्रीम, पेस्ट्री व बिस्कुट, कॉर्न फ्लैक्स व सीरियल्स पर 5% कर लगेगा, जबकि वर्तमान में 18% है. सभी प्रकार की रोटियों व पराठों पर शून्य टैक्स कर दिया गया है, वर्तमान में इन पर 5% कर है. उपभोक्ता गुड्स जैसे टूथ पाउडर, फीडिंग बोतलें, टेबलवेयर, रसोई का सामान, छाता, बर्तन, साइकिल, बांस का फर्नीचर व कंघा, जिन पर फिलहाल 12% कर है, उसे घटाकर 5% कर दिया जाएगा। शैम्पू, टेलकम पाउडर, टूथपेस्ट, साबुन व हेयर ऑयल भी सस्ते हो जाएंगे क्योंकि उन पर जो वर्तमान में 18% कर है उसे घटाकर 5% कर दिया जाएगा।
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पेट्रोल, एलपीजी व सीएनजी के जो वाहन 1,200 सीसी से कम व 4,000 एमएम लंबाई तक के हैं और जो डीजल वाहन 1,500 सीसी व 4,000 एमएम लंबाई तक के हैं, उन पर अब 28% की जगह 18% टैक्स लगेगा. इलेक्ट्रॉनिक उपभोक्ता वस्तुएं जैसे एयर कंडीशनर, डिश वॉशर व टीवी भी सस्ते हो जाएंगे क्योंकि उन्हें भी 28% से जीएसटी के 18% स्लैब में कर दिया गया है. जो मोटरसाइकिल 350 सीसी से अधिक की है उन पर 40% की विशेष जीएसटी लगेगी। स्वागत योग्य है कि सभी जीवन व स्वास्थ्य बीमा पॉलिसीज पर अब शून्य कर लगेगा. इससे कवरेज को प्रोत्साहन मिल सकता है।यह भी अच्छा है कि सभी दवाओं पर 5% की जीएसटी होगी. सीमेंट भी अब सस्ता हो जाएगा क्योंकि उस पर लगे 28% कर को घटाकर 18% कर दिया गया है. ऐसा प्रतीत होता है कि जीएसटी ओवरहाल में मध्य वर्ग पर बोझ कम करने की कोशिश की गई है. जो कारें अमूमन मध्य वर्ग खरीदता है उन पर कर को कम किया गया है।
लेख- शाहिद ए चौधरी के द्वारा