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नवभारत विशेष: पाक की परमाणु ब्लैकमेलिंग नहीं चलेगी, अब भविष्य के किसी भी एक्शन के लिए बना नया बेंचमार्क

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, पाकिस्तान की हर हरकत पर निगाह रखी जाएगी और भविष्य उसके व्यवहार पर निर्भर करेगा। अगर पाकिस्तान आतंक को पालता रहेगा, तो आतंक उसे खा जाएगा।

  • By दीपिका पाल
Updated On: May 14, 2025 | 01:45 PM

परमाणु ब्लैकमेलिंग बर्दाश्त नहीं करेगा भारत (सौ. डिजाइन फोटो)

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नवभारत डिजिटल डेस्क: ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद राष्ट्र के नाम अपने पहले संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यतः छह बड़े संदेश दिए। एक, आतंक के विरुद्ध ऑपरेशन सिंदूर भारत की नई नीति है। पूरी दुनिया ने भारत के संकल्प को एक्शन में देखा कि 100 से अधिक खूंखार आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया गया। अब भविष्य के किसी भी एक्शन के लिए नया बेंचमार्क (पैमाना) है। दो, यह पॉज है, राहत नहीं। ऑपरेशन सिंदूर के तहत कार्रवाई को केवल स्थगित किया गया है।

पाकिस्तान की हर हरकत पर निगाह रखी जाएगी और भविष्य उसके व्यवहार पर निर्भर करेगा। अगर पाकिस्तान आतंक को पालता रहेगा, तो आतंक उसे ही खा जाएगा। तीन, भारत व पाकिस्तान के बीच युद्धविराम किसी तीसरे देश की मध्यस्थता से नहीं हुआ है, बल्कि बुरी तरह से मार खाने के बाद पाकिस्तान ने ग्लोबल समुदाय से टकराव न बढ़ाने के लिए आग्रह किया था। केवल आतंकवाद व पाक-अधिकृत कश्मीर पर बातें होंगीं, किसी अन्य मुद्दे पर नहीं। पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते हैं।

दूसरे शब्दों में सिंधु जल समझौते को आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई से अलग करके नहीं देखा जा सकता यानी खून-खराबे व सीमा पार से आतंक के चलते पानी को साझा नहीं किया जा सकता। शांति के लिए मार्ग ताकत से होकर जाता है। भारत अहिंसा का देश अवश्य है, लेकिन शांति स्थापित करने के लिए ताकत का इस्तेमाल करने में भी संकोच नहीं करता है। यह युद्ध का युग नहीं है, लेकिन आतंक का भी युग नहीं है।

ट्रंप का खोखला दावा

प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि भारत परमाणु ब्लैकमेल के आगे झुकने वाला नहीं है और विश्व को भी स्पष्ट शब्दों में संदेश दिया कि आतंक व व्यापार, आतंक व वार्ता एक साथ नहीं चल सकते हैं। मोदी ने इस बात से भी इंकार किया कि ट्रंप प्रशासन ने दोनों पड़ोसियों के बीच टकराव को स्थगित करने में भूमिका अदा की थी। इससे ट्रंप को अच्छी खासी शर्मिंदगी उठानी पड़ सकती है, क्योंकि वह दावा कर रहे थे कि उन्होंने व उनके प्रशासन ने परमाणु हथियारों से लैस दो राष्ट्रों के बीच खतरनाक टकराव का अंत कराया।

ट्रंप के अनुसार, उन्होंने कहा कि ‘अगर तुम रुकोगे नहीं तो मैं तुम्हारे साथ कोई व्यापार नहीं करूंगा’। मोदी ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन से कहा था कि यह युग युद्ध का नहीं है और इसी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि यह युग आतंक का भी नहीं है। भारत में युद्ध राज्य नीति का हिस्सा नहीं है, जैसा कि इजराइल या रूस में है। हमारा परमाणु सिद्धांत भी एकदम स्पष्ट है कि हम उसका प्रयोग करने में पहल नहीं करेंगे। हालांकि पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर को अकारण भारतीय आक्रमण के तौर पर पेश करने का प्रयास किया।

पाक फिर ओछी हरकत करेगा

शांति के लिए जरूरी है कि कश्मीर में स्थिति को सामान्य किया जाए। पाकिस्तान उस बिगड़े हुए जिद्दी बच्चे की तरह है, जिसके कोई बात समझ में नहीं आती है, न प्यार से, न धमकी से और न मार से। वह कश्मीर में फिर कुछ ओछी हरकत करने का अवश्य प्रयास करेगा। इसलिए भारत को तीन काम करने जरूरी हैं। एक, पहलगाम के दोषियों को ट्रैक किया जाए ताकि स्थानीय सुरक्षा व्यवस्था का विश्वास पुनः स्थापित किया जा सके। दो, आतंकी घुसपैठ को शून्य करना आवश्यक है। पहलगाम के बाद एक भी घुसपैठ जरूरत से अधिक होगी। इसलिए स्थानीय इंटेलिजेंस में अधिक निवेश किया जाए।

तीन, हमारी प्रतिक्रिया ऐसी नहीं होनी चाहिए कि जम्मू कश्मीर में लोग सामान्य स्थिति का आनंद लेने से वंचित हो जाएं यानी हर चीज को बंद करने की जरूरत नहीं है। प्रधानमंत्री ने पहलगाम के बाद हासिल हुई राष्ट्रीय एकता के बारे में बोला और इस बात पर बल दिया कि आगे बढ़ने में एकता ही हमारी सबसे बड़ी ताकत होगी। भारत शक्ति के जरिए शांति व विकास हासिल करना चाहता है और शक्ति केवल हथियारों व आर्थिक प्रगति से ही नहीं आती है, बल्कि राष्ट्रीय एकता से भी आती है। प्रधानमंत्री का यह संदेश सभी तक पहुंचना चाहिए, उन अतिवादी गुटों तक भी जो अपने सांप्रदायिक उन्माद से राष्ट्रीय एकता को कमजोर करते हैं।

लेख – विजय कपूर के द्वारा

India will not tolerate pakistan nuclear blackmailing

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Published On: May 14, 2025 | 01:45 PM

Topics:  

  • Narendra Modi
  • Nuclear Bomb
  • Pakistan

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