Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • चुनाव
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो

  • ई-पेपर
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • चुनाव
  • विदेश
  • राजनीति
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • क्राइम
  • नवभारत विशेष
  • मनोरंजन
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़
  • वायरल
  • अन्य
    • ऑटोमोबाइल
    • टेक्नॉलजी
    • करियर
    • धर्म
    • हेल्थ
    • टूर एंड ट्रैवल
    • वीडियो
    • फोटो
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • चुनाव
  • विदेश
  • खेल
  • क्राइम
  • लाइफ़स्टाइल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • राजनीति
  • बिज़नेस
  • ऑटोमोबाइल
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • धर्म
  • वेब स्टोरीज़
  • करियर
  • टूर एंड ट्रैवल
  • वीडियो
  • फोटो
In Trends:
  • बिहार चुनाव 2025 |
  • बच्चू कडू नागपुर आंदोलन |
  • आज का मौसम |
  • Ind vs Aus |
  • महिला वर्ल्ड कप |
  • आज का राशिफल |
  • बिग बॉस 19
Follow Us
  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

नवभारत विशेष: क्या कोई वेतन कम करने की हिम्मत करेगा?

School Teacher Jobs: एक सरकारी इंटर कॉलेज में अध्यापकों के 93 पद स्वीकृत हैं, लेकिन वहां फिलहाल 30 अध्यापक ही काम कर रहे हैं यानी 63 स्थान रिक्त पड़े हैं।

  • By दीपिका पाल
Updated On: Oct 31, 2025 | 12:42 PM

क्या कोई वेतन कम करने की हिम्मत करेगा? (सौ. डिजाइन फोटो)

Follow Us
Close
Follow Us:

नवभारत डिजिटल डेस्क: एक सरकारी इंटर कॉलेज में अध्यापकों के 93 पद स्वीकृत हैं, लेकिन वहां फिलहाल 30 अध्यापक ही काम कर रहे हैं यानी 63 स्थान रिक्त पड़े हैं।नियुक्तियों पर सरकारी पाबंदी की वजह से इन्हें भरा नहीं जा रहा।उनकी जगह पीटीए (पैरेंट्स टीचर्स एसोसिएशन) फंड से युवाओं को मामूली पारिश्रमिक पर रखकर काम चलाया जा रहा है या रिटायर्ड हुए अध्यापकों को 15-20 हजार मासिक देकर वापस बुला लिया जाता है।नई नियुक्तियां इसलिए नहीं हो रही कि अध्यापकों का वेतन बहुत अधिक है और राज्य सरकारें अपने खर्चे में वृद्धि नहीं करना चाहतीं।

उत्तर प्रदेश में एक लेक्चरर लगभग 70,000 रुपये के मासिक प्रारंभिक वेतन पर नियुक्त होता है।यह हाल पूरे देश में सिर्फ सरकारी कॉलेजों का ही नहीं है, बल्कि तकरीबन हर सरकारी संस्था का है।केंद्र व राज्यों की संस्थाओं में 80 लाख से अधिक रिक्त स्थान होने का अनुमान है।हाल ही में मध्य प्रदेश की राज्य सरकार ने घोषणा की है कि वह स्थानीय पुलिस में 7,500 कांस्टेबलों की भर्ती करेगी, जिसके लिए दस लाख से अधिक आवेदन आए।इस जॉब के लिए न्यूनतम योग्यता 10वीं कक्षा पास है।लेकिन पीएचडी, इंजीनियर व पोस्टग्रेजुएट भी नौकरी पाने की कतार में लगे हुए थे।इससे देश में बेरोजगारी का अंदाजा लगाया जा सकता है।

हम जानते हैं कि उच्चतम यूपीएससी सिविल सर्विसेज से लेकर सबसे निचले पायदान के रेलवे पदों तक, सरकारी नौकरियों के लिए जबरदस्त प्रतिस्पर्धा है।जहां जॉब्स हैं, वहां खर्च बढ़ने के डर से नियुक्तियां नहीं की जा रहीं।जहां भर्ती की मामूली सी भी गुंजाइश निकलती है, तो बेरोजगारों की भीड़ उमड़ पड़ती है।इस पृष्ठभूमि में भारत सरकार ने 8वां वेतन आयोग नोटिफाई किया है।इसका अर्थ यह है कि सरकार में जो टॉप जॉब्स में हैं, उनके वेतनों में अतिरिक्त वृद्धि कर दी जाएगी।यही बात सरकारी नौकरियों के आकर्षण को बढ़ाए हुए है।इसी बात से प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी आहत होते हैं।वे अपने समतुल्य सरकारी कर्मचारियों की तुलना में अधिक काम करने के बावजूद कम वेतन पाते हैं।सरकारी बैंकों में वेतन लगभग सरकारी कर्मचारियों के ही बराबर है।वित्तीय वर्ष 2025 में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के प्रति कर्मचारी का औसत वेतन तकरीबन 27-28 लाख रुपये था।अगर इसकी तुलना आईसीआईसीआई व एचडीएफसी बैंकों से की जाए, तो उनके कर्मचारियों को इसके आधे से भी कम वेतन मिला।

भारी भरकम सरकारी वेतन ने श्रम बाजार को विषम कर दिया है।भारतीय उद्योगों को पर्याप्त संख्या में अच्छे श्रमिक नहीं मिल पा रहे हैं।लाखों युवा रेलवे गैंगमैन या पीएसबी क्लर्क बनने की तैयारी में लगे रहते हैं।भारत में 2014 में केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों की संख्या लगभग 18 लाख थी, जिनमें रेलवे व डाक विभाग के कर्मचारियों को नहीं गिना गया था।अमेरिका में फेडरल कर्मचारियों की संख्या 21 लाख थी।अगर जनसंख्या के हिसाब से एडजस्ट किया जाए तो अंतर जबरदस्त है।भारत में प्रति 1,00,000 व्यक्तियों में 139 केंद्रीय सरकारी कर्मचारी थे, जबकि अमेरिका में 668 व्यक्तियों में एक।भारी भरकम सरकारी वेतन से सरकारी कर्मचारियों की उत्पादकता में कोई इजाफा नहीं होता है।

ये भी पढ़ें–  नवभारत विशेष के लेख पढ़ने के लिए क्लिक करें 

कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने कार्तिक मुरलीधरन के नेतृत्व में सरकारी स्कूल टीचर्स पर एक शोध किया, जिसका शीर्षक था ‘डबल ऑर नथिंग’ (दोगुना या कुछ भी नहीं)।अध्यापकों के एक समूह के वेतनों को दोगुना कर दिया गया और दूसरे नियंत्रित समूह के वेतन में कोई वृद्धि नहीं की गई।नतीजे पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।इस शोध से स्पष्ट हुआ कि सरकारी कर्मचारियों की बिना शर्त वेतन वृद्धि उनकी उत्पादकता में कोई इजाफा नहीं करती है।इसी वजह से तदर्थ अध्यापकों से काम लिया जाने लगा जो मामूली भत्ते पर बिना जॉब सुरक्षा के काम करते हैं.

बड़ी सरकारी तनख्वाह से विषमता पनपी

तथ्य यह है कि प्राइवेट सेक्टर की तुलना में सरकारी सेक्टर में वेतन आवश्यकता से अधिक है, जिससे न सिर्फ खजाने पर बोझ बढ़ता है बल्कि श्रम बाजार भी गड़बड़ा जाता है।अधिक टीचर, डॉक्टर, नर्स, नगरपालिका कर्मचारी नियुक्त करने की सरकारी क्षमता कम हो जाती है।सबसे अच्छा सुधार यह होगा कि सरकारी कर्मचारियों के वेतन में कटौती की जाए।लेकिन इसकी हिम्मत कौन करेगा ?

लेख- डॉ.अनिता राठौर के द्वारा

Estimated to be more than 80 lakh vacancies in central and state institutions

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: Oct 31, 2025 | 12:42 PM

Topics:  

  • School Teacher Jobs
  • School Teachers
  • Special Coverage

सम्बंधित ख़बरें

1

संपादकीय: 8वें वेतन आयोग से होगी कर्मियों की बल्ले-बल्ले

2

निशानेबाज: गजब के हैं अमेरिकी पुलिसमैन, चिप्स पैकेट में नजर आई गन

3

नवभारत विशेष: जिद व जज्बात का नया दौर SIR पार्ट-2, पुरानी मतदाता सूचियां भरोसेमंद नहीं

4

नवभारत विशेष: पाक के गले की हड्डी बने उसके अपने भस्मासुर, पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • अकोला
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy Terms & Conditions
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.