(डिजाइन फोटो)
नवभारत डेस्क: पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, सिर्फ यह मत सोचिएगा कि प्रधानमंत्री मोदी ने बचपन में रेलवे स्टेशन पर चाय बेची थी, विश्व के अन्य राजनेता भी कम नहीं हैं। वे भी कुछ न कुछ बेचकर अपना हुनर दिखाते हैं। अमेरिका में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार और पूर्व प्रेसीडेंट रह चुके डोनाल्ड ट्रंप ने भी दिखा दिया कि वह भी रेस्टोरेंट में काम कर सकते हैं। उन्होंने इसका डिमांस्ट्रेशन दिया। पेन्सिलवेनिया राज्य की बक्स काउंटी के मैकडॉनल्ड स्टोर में ट्रंप जा पहुंचे।”
पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘वहां उन्होंने अपने सूट के ऊपर एप्रन पहना और आलू से बननेवाला व्यंजन फ्रेंच फ्राइज खौलते तेल में डालकर तलने लगे। उनका यह कारनामा अपनी प्रतिद्वंद्वी कमला हैरिस को करारा जवाब था क्योंकि हैरिस ने कुछ दिनों पहले दावा किया था कि कॉलेज में पढ़ाई के दौरान एक बार उन्होंने गर्मियों में मैकडॉनल्ड में काम किया था। ट्रंप ने दिखाया कि वह भी कुशलतापूर्वक ऐसा कर सकते हैं और किसी बात में कम नहीं है।’’
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हमने कहा, ‘‘यदि ट्रंप भारत आते तो मोदी उन्हें पकौड़े तलने का आइडिया दे सकते थे। देश के सफेदपोश बेरोजगार युवाओं को उन्होंने कुछ वर्ष पूर्व यही सुझाव दिया था। जहां तक फ्रेंच फ्राइज का मामला है, यह ऊंचे लोगों की पसंद है जबकि पकौड़ा सामान्यजनों में लोकप्रिय है। आलू-प्याज को बेसन में लपेट कर कड़ाही में डालकर तल लिया तो पकौड़ा हो गया तैयार!’’
पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, अमेरिका में लोगों को अब हल्दीराम के प्रॉडक्ट में टेस्ट आने लगा है वरना वहां के लोग आम तौर पर बरीटो, फूट लांग बन, हॉट डॉग, फ्रेंच फ्राइज, हैमबर्गर, फ्रैंकफर्टर, पास्ता, नूडल्स, टैको, पिज्जा जैसी चीजें खाते हैं।’’
हमने कहा, ‘‘यदि अगली बार ट्रंप भारत आएं तो मोदी उन्हें खिचड़ी, फाफड़ा, खाखरा, फरसाण, दाबेली का स्टाल लगाने के बारे में समझा सकते हैं। इलेक्शन नहीं जीत पाए तो ट्रंप फूड आइटम का बिजनेस कर सकते हैं। वैसे हर नेता अच्छा सेल्समैन होता है जो लुभावने नारे और हवाई वादे बेचता है।’’
लेख- चंद्रमोहन द्विवेदी द्वारा