अकेले पड़ गए हैं शशि थरूर (सौ. डिजाइन फोटो)
नवभारत डिजिटल डेस्क: पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘निशानेबाज, राजनीति में एक नशा या सुरूर रहता है लेकिन आज के हालात में कांग्रेस सांसद शशि थरूर खुद को अकेला व मजबूर महसूस कर रहे हैं।थरूर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रामनाथ गोयनका स्मृति व्याख्यान की खुलकर प्रशंसा की।इससे भड़ककर कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि अगर थरूर को लगता है कि बीजेपी या मोदी की नीतियां कांग्रेस से बेहतर हैं तो वे पार्टी में क्यों हैं? बीजेपी में चले क्यों नहीं जाते ?’हमने कहा, ‘मोदी का गुणगान करने वाले थरूर शायद भूल गए कि जब उन्होंने अपनी प्रेमिका सुनंदा पुष्कर के लिए आईपीएल क टीम खरीदी थी तब प्रधानमंत्री मोदी ने उन पर फिकरा कसते हुए कहा था- वाह 20 करोड़ की गर्लफ्रेंड!’
पड़ोसी ने कहा, ‘निशानेबाज, थरूर का दृष्टिकोण व्यापक है।वह कभी प्रियंका गांधी का समर्थन करते हैं तो कभी बीजेपी नेता और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ सेल्फी भी लेते हैं।वह यूएन में अंडर सेक्रेटरी रह चुके हैं।उनकी अंग्रेजी पर असाधारण कमांड है।उनके भारीभरकम और जटिल शब्दों को समझने के लिए डिक्शनरी देखनी पड़ती है।वे तिरुवनंतपुरम से 4 बार सांसद चुने गए जो उनकी लोकप्रियता को दर्शाता है।उन्हें मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार के दौरान विदेशमंत्री बनाया गया था।तब वह सांसदों के निवास में न रहकर फाइव स्टार होटल में रहते थे।उनकी दलील थी कि होटल में बार, स्विमिंग पूल और प्राइवेसी है जहां वह अपने विदेशी मेहमानों की अच्छी तरह खातिरदारी कर सकते हैं।इस समय कांग्रेस उनकी प्रतिभा और पर्सनालिटी का इस्तेमाल नहीं कर रही है।मोदी उनके कद्रदान हैं पहलगाम आतंकी हमले के बाद आपरेशन सिंदूर के संबंध में भारत का पक्ष रखने के लिए मोदी ने थरूर के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल विदेश भेजा था.’
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हमने कहा, ‘थरूर ने मल्लिकार्जुन खड़गे के खिलाफ कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ने की गलती की थी।उन्होंने केरल की वाम मोर्चा सरकार की कुछ नीतियों की तारीफ की थी।वह दो नावों पर सवारी कर रहे हैं।या तो वे राहुल की मोहब्बत की दुकान के सेल्समैन बन जाएं नहीं तो नमो नमो करते हुए भाजपा का भजन करें।शायद शशि थरूर को ऐसा लग रहा होगा कि कांग्रेस पार्टी ऐसा डूबता जहाज है जिसे छोड़कर चूहे भी भाग जाते हैं।इसीलिए मोदी उनके मन को भा रहे हैं।’
लेख-चंद्रमोहन द्विवेदी के द्वारा