हरियाणा (Haryana) में नायबसिंह सैनी (Nayab Singh Saini) के नेतृत्ववाली बीजेपी सरकार (BJP Government) की हालत डांवाडोल बनी हुई है। वहां 3 निर्दलीय विधायकों ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया और कांग्रेस से जा मिले। ऐसी हालत में विपक्ष के नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कहा कि अल्पमत वाली सरकार को नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने राज्यपाल से मिलने का समय मांगा है। उधर मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि मैंने विश्वासमत हासिल किया है। दोबारा विश्वासमत हासिल करने की बात आएगी तो दोबारा करूंगा। उन्होंने दावा किया कि बीजेपी हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटों पर जीतेगी। जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के नेता दुष्यंत चौटाला ने हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को पत्र लिखकर कहा है कि सैनी सरकार के पास अब बहुमत नहीं है जिसे देखते हुए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर तत्काल शक्ति परीक्षण कराया जाए।
बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व की पकड़ कमजोर हुई तो देश का राजनीतिक वातावरण बदलने लगता है। सैनी सरकार अल्पमत में आने से उसके सामने खतरा मंडरा रहा है। जिन 3 निर्दलीय विधायकों ने समर्थन वापस लिया, उनमें से 2 जाट समुदाय के हैं। बीजेपी ने जाट विरुद्ध गैरजाट का खेल शुरू किया है। इस वर्ष के अंत में होनेवाले विधानसभा चुनाव में वह इसका लाभ उठाना चाहती है इसलिए जाटों के प्रभुत्ववाली जजपा से उसने गठबंधन तोड़ लिया व जजपा प्रमुख दुष्यंत चौटाला की उपमुख्यमंत्री पद से छुट्टी कर दी। पंजाबी खत्री समाज के मनोहरलाल खट्टर को सीएम पद से हटाकर करनाल से लोकसभा का उम्मीदवार बनाकर गैर जाट समाज के वोटों पर ध्यान केंद्रित किया।
दूसरी ओर जाट समुदाय के वोट हासिल करने के लिए कांग्रेस, जेजेपी और राष्ट्रीय लोकदल में कड़ी स्पर्धा चल रही है। ऐसा नहीं है कि निर्दलीयों के समर्थन वापस लेने से सरकार गिर जाएगी। 90 सदस्यीय विधानसभा में फिलहाल कुल 88 सदस्य है। बहुमत के लिए 45 सदस्यों का समर्थन चाहिए। बीजेपी के 40 विधायक हैं। जेजेपी के 4 विधायकों का समर्थन होने का बीजेपी ने दावा किया है। 2 निर्दलीयों के अलावा हरियाणा लोकहित पार्टी के गोपाल कांडा का भी सरकार को समर्थन है।
इस तरह सरकार अपने पक्ष में 47 सदस्य होने का दावा करती हैं। कांग्रेस के 30 विधायक हैं। हुड्डा के लिए इस सरकार को गिरा पाना आसान नहीं है। इतने पर भी हरियाणा की हलचलों का लोकसभा चुनाव परिणामों पर असर पड़ सकता है। 2019 के आम चुनाव में हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटों पर बीजेपी जीती थी। अभी सोनीपत, रोहतक और हिसार जैसे जाट बहुल क्षेत्रों के चुनाव में बीजेपी को पसीना छूट जाएगा।