चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) में ऐसा भी करिश्मा होता है कि उम्मीदवार चुनाव लड़े बिना ही निर्विरोध निर्वाचित हो जाए। सूरत में यही हुआ। बीजेपी (BJP) के प्रत्याशी मुकेश दलाल (Mukesh Dalal) इसी तरह चुन लिए गए। अब इस लोकसभा सीट पर 7 मई को मतदान की कोई जरूरत नहीं रह गई और चुनावी नतीजे के लिए 4 जून तक प्रतीक्षा करना भी गैरजरूरी हो गया। उम्मीदवार अभी से निर्वाचित मान लिया गया। सूरत के कांग्रेसी प्रत्याशी नीलेश कुंभाणी का नामांकन पत्र रद्द कर दिया गया और इसके बाद वह रहस्यमय ढंग से गायब हो गया। कांग्रेस उम्मीदवार के 4 अनुमोदकों ने भी आवेदन पर अपने हस्ताक्षर होने की बात से इनकार किया। बचे हुए अन्य प्रत्याशियों ने भी अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस घटनाक्रम के पीछे कोई गंभीर खेल होने का आरोप लगाया है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कुंभाणी के घर पर गद्दार का पोस्टर लगा दिया। आवेदन वापस लेने के दिन बसपा सहित 8 विरोधी प्रत्याशियों ने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली। आलोचक कह रहे हैं कि सूरत में लोकतंत्र का गला घोंटा गया तो कुछ लोग इस बात पर संतोष जता रहे हैं कि चुनाव खर्च बच गया और बीजेपी उम्मीदवार अपनी बुलंद किस्मत से निर्विरोध चुनाव जीत गया।
कांग्रेस प्रत्याशी नीलेश कुंभाणी व पार्टी के डमी उम्मीदवार सुरेश पडसाला के 3 अनुमोदकों ने हलफनामा देकर नामांकन पत्र पर अपने हस्ताक्षर होने से इनकार किया। आरोप है कि इन हलफनामों पर सूरत शहर बीजेपी के कानूनी सेल के एक सदस्य किरण घोघारी ने नोटरी के रूप में अटेस्ट किया था। घोघारी ने कहा कि जब अनुमोदक जिलाधिकारी कार्यालय में आए और नामांकन पत्र में अपने हस्ताक्षर नहीं होने की बात कहने लगे तो एक पेशेवर के नाते मैंने उनकी मदद की और हर हलफनामे के लिए 2,500 रुपए फीस ली। जबकि मेरी नियमित फीस 500 रुपए है। कांग्रेस प्रत्याशी कुंभाणी ने अपने प्रस्तावकों के रूप में अपने साले व भांजे और बिजनेस पार्टनर के हस्ताक्षर पेश किए थे।
बीजेपी प्रत्याशी के एजेंट ने इन हस्ताक्षरों को फर्जी बताते हुए चुनौती दी थी। जिला चुनाव अधिकारी व सूरत के कलेक्टर ने बीजेपी की आपत्ति को सही माना और कांग्रेस प्रत्याशी का नामांकन रद्द कर दिया। कुंभाणी ने आरोप लगाया था कि उनके प्रस्तावकों का अपहरण किया गया है लेकिन सूरत क्राइम ब्रांच ने कहा कि चारों प्रस्तावक पुलिस थाने आए और उन्होंने कहा कि उनके अपहरण की बात गलत है। देश में अब तक 28 सांसद और 298 विधायक निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। सूरत लोकसभा सीट महत्वपूर्ण रही है। वहां से पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई 5 बार और बीजेपी नेता काशीराम राणा लगातार 6 बार निर्वाचित हुए थे। दर्शना जरदोश 3 बार चुनी गई। इस सीट को बीजेपी का गढ़ माना जाता है।