बांग्लादेश की हिंसा से भारत की चिंता बढ़ी (सौ. सोशल मीडिया)
नवभारत डिजिटल डेस्क: बांग्लादेश के हालात विस्फोटक बनते जा रहे हैं गत सप्ताह ढाका में भारतीय उच्चायोग के सामने प्रदर्शन हुए।दंगाइयों ने ढाका सहित अनेक शहरों में लूटपाट व आगजनी की।मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अस्थाई सरकार स्थिति पर नियंत्रण का प्रयास कर रही है, लेकिन उसे सफलता नहीं मिली।हिंसाचार के दौरान भारत विरोधी भावना तीव्रता से सामने आई।चट्टोग्राम, राजशाही सहित अनेक शहरों में हालात बेकाबू हुए।फरवरी में चुनाव की घोषणा की गई है, लेकिन फिलहाल अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी बांग्लादेश सरकार को लेनी होगी।
छात्र आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाने वाले भारत विरोधी युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद हिंसा की लहर देखी गई।हादी बांग्लादेश इंकलाब मंच का नेता था।शेख हसीना के खिलाफ आंदोलन में उसकी अग्रणी भूमिका थी।वह 2026 का चुनाव लड़ने वाला था।उनकी एक प्रचार सभा में अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी।हिंसा के शिकार शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग के नेता-कार्यकर्ता बने।बांग्लादेश ने बार-बार शेख हसीना को सौंपने की मांग की है, जिन्हें वहां फांसी पर लटकाया जा सकता है।भारत ने इस मांग को ठुकरा दिया, क्योंकि हसीना वैध पासपोर्ट पर भारत आई हैं और पिछले डेढ़ वर्ष से अपनी मर्जी से यहां हैं।
बांग्लादेश अब बांग्ला भाषा की अस्मिता व संस्कृति को भूलकर कट्टरपंथियों का गढ़ बन गया है और वहां के नेतृत्व ने चीन और पाकिस्तान से हाथ मिला लिए हैं।बांग्लादेश की सरकार इन देशों को अपने यहा नया बंदरगाह बनाने के लिए भी राजी कर रही है, जो कोलकाता से कुछ ही दूरी पर होगा।पिछले दिनों चीन को भारत के पूर्वोत्तर राज्यों पर कब्जा करने के लिए भी बांग्लादेश ने उकसाया था।हसीना के शासनकाल में बांग्लादेश और भारत के आपसी संबंध सहयोगपूर्ण थे।हसीना धीरे-धीरे एकाधिकारवादी बनती चली गईं।इस वजह से बांग्लादेश में उनके खिलाफ विद्रोह भड़का था।बांग्लादेश के पाकिस्तान के साथ सैनिक सहयोग तथा भारत विरोधी ताकतों को दिए जा रहे प्रोत्साहन से स्थिति विस्फोटक बनती जा रही है।
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बांग्लादेश के आंदोलन में नेशनल सिटिजन पार्टी भी शामिल हो गई है।उसके नेता सर्जिस आलम ने धमकी दी है कि जब तक भारत हादी के हत्यारों को बांग्लादेश के हवाले नहीं करेगा, तब तक भारतीय दूतावास की घेराबंदी जारी रहेगी।बांग्लादेश में भारत के सहायक उच्चायुक्त के निवास पर पथराव किया गया।ईश निंदा के आरोप में एक हिंदू श्रमिक को झाड़ से बांधकर जिंदा जलाने की घटना हुईं।इससे वहां के हिंदू समुदाय में दहशत है।बांग्लादेशियों की घुसपैठ भी भारत के लिए समस्या बनी हुई है।पड़ोसी देश की हिंसा व अस्थिरता खतरे की घंटी है, जिसे देखते हुए भारत को सतर्क रहना होगा।
लेख-चंद्रमोहन द्विवेदी के द्वारा