(डिजाइन फोटो)
पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, एनसीपी (शरदचंद्र) के प्रमुख शरद पवार ने इशारों-इशारों में जता दिया कि मौका मिला तो रोहित पवार उनकी पार्टी से मुख्यमंत्री पद का चेहरा हो सकते हैं। इस पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है?’’
हमने कहा, ‘‘जहां तक इशारे की बात है, इसे लेकर फिल्मों में कई गाने हैं जैसे कि आंखों ही आंखों में इशारा हो गया, बैठे-बैठे जीने का सहारा हो गया! देखो वो चांद छुपकर करता है क्या इशारे!, अजनबी से बनकर करो ना इशारा!, इशारों-इशारों में दिल लेनेवाले बता ये हुनर तूने सीखा कहां से!’’
पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, हम फिल्मों के नहीं, राजनीति के इशारे की बात कर रहे हैं। महाराष्ट्र के दिग्गज राजनेता शरद पवार का संकेत है कि उन्हें अपने पोते रोहित पवार में सीएम पद का चेहरा नजर आता है। इतने अनुभवी नेता की पारखी नजर गलत नहीं हो सकती। जरूर उन्होंने रोहित पवार की फेस रीडिंग की होगी जिसमें उन्हें महाराष्ट्र के भावी मुख्यमंत्री का चेहरा नजर आया। अब इस बारे में अपनी राय बताइए।’’
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हमने कहा, ‘‘हमसे अच्छी राय तो फिल्मी गीतों में आपको मिल जाएगी। चेहरे को लेकर ये गीत इस प्रकार हैं- तेरे चेहरे से नजर नहीं हटती, नजारे हम क्या देखें! सुभान अल्ला, हसीं चेहरा, ये मस्ताना अदाएं, खुदा महफूज रखे हर बला से! ये चांद सा रोशन चेहरा, जुल्फों का रंग सुनहेरा, ये झील सी नीली आंखें, कोई राज है इनमें गहरा, तारीफ करूं क्या उसकी जिसने तुम्हें बनाया! चेहरा क्या देखते हो, दिल में उतर कर देखो ना!’’
पड़ोसी ने कहा, निशानेबाज, अंग्रेजी में कहावत है- फेस इज दि इंडेक्स ऑफ ए मैन! पुलिसवाले चेहरा देखकर पता लगा लेते हैं कि कोई आदमी शरीफ है या बदमाश! कोई आदमी भला-चंगा होता है तो कोई लफंगा! किसी के चेहरे पर मस्ती छाई रहती है तो किसी की शक्ल पर उदासी! किसी से पूछा जाए कि रोते क्यों हो तो वह कहेगा- सूरत ऐसी! फिर पूछा जाए- पैदा कब हुए तो वह बोलेगा- मुहर्रम के दिन!’’
हमने कहा, ‘‘शरद पवार ने रोहित पवार को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बताया तो अजीत पवार के दिल पर क्या बीती होगी? अजीत का राजनीतिक अनुभव 35 वर्षों का है।’’
पड़ोसी ने कहा, ‘‘अनुभव या उम्र से कुछ नहीं होता। किस्मत बड़ी चीज होती है। चुनाव के बाद ही पता चलेगा कि पॉवर किसे मिलता है।’’
लेख- चंद्रमोहन द्विवेदी द्वारा