(डिजाइन फोटो)
पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में अब ऊंचाई का मुद्दा सामने आ गया। डोनाल्ड ट्रंप ने अपने 6 फुट 3 इंच के कद की अहमियत जताते हुए कहा कि प्रेसीडेंट को कद्दावर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनकी डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रतिद्वंद्वी कमला हैरिस सिर्फ 5 फुट 4 इंच की हैं जिनसे वह लगभग 1 फुट ऊंचे हैं। भाषण देते समय हैरिस को किसी स्टूल या डिब्बे पर खड़ा होना पड़ता है। जो ऊंचा नेता होता है, वह अलग ही नजर आता है।’’
हमने कहा, ‘‘ट्रंप बौद्धिक या राजनीतिक मुद्दों पर बात करने की बजाय शारीरिक या फिजिकल मुद्दे उठाते हैं। वह पहले भी कमला हैरिस के जमैकन और भारतीय मूल की बात रख चुके हैं। उन्हें अपने गोरे और ऊंचे-पूरे होने का घमंड है। ट्रंप को यह मोटी बात समझनी चाहिए कि महिलाओं की हाइट आमतौर पर पुरुषों से कम होती है। वैसे अमेरिका में महिलाएं 5 फुट 8 इंच के आसपास ऊंची होती हैं। यह अच्छे खानपान या न्यूट्रीशन का असर है। हैरिस भी औसत ऊंचाई की हैं जिन्हें नाटी नहीं कहा जा सकता।’’
यह भी पढ़ें- जब किस्मत कर दे बुरा हाल, नेता की मंजिल जेल या अस्पताल
पड़ोसी ने कहा, ‘‘ट्रंप का तर्क माना जाए तो हमारे देश में भी 6 फुट 2 इंच के अमिताभ बच्चन को, महाभारत सीरियल में भीम की भूमिका निभानेवाले 6 फुट 6 इंच के प्रवीण कुमार या 7 फुट के पहलवान दि ग्रेट खली को नेता बनना चाहिए। हाइट का राजनीति से कोई संबंध नहीं है। महान योद्धा नेपोलियन बोनापार्ट नाटा था। सोवियत संघ के दबंग नेता रहे निकिता क्रूश्चेव की हाइट भी कम थी। हमारे पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री के नेतृत्व में 1965 के युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को मात दी थी।”
पड़ोसी ने कहा, ‘‘शास्त्रीजी का शारीरिक कद छोटा था लेकिन उनके बारे में मराठी में कहा गया था- मूर्ति लहान, कीर्ति महान! इंदिरा गांधी भी औसत ऊंचाई की थीं जिनके नेतृत्व में बांग्लादेश युद्ध जीत कर इतिहास रचा गया। शारीरिक नहीं बल्कि व्यक्तित्व की ऊंचाई महत्व रखती है। ट्रंप 78 वर्ष के हैं जबकि कमला हैरिस यंग हैं। ऊंचाई को लेकर कहा गया है- बड़ा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर, पंछी को छाया नहीं, फल लागें अति दूर!”
लेख- चंद्रमोहन द्विवेदी द्वारा