शादी में पीली चिट्ठी की मान्यता (सौ.सोशल मीडिया)
Yellow Letter Wedding Rituals: हिंदू धर्म में विवाह एक संस्कार है जो हर व्यक्ति के जीवन में आता है। विवाह को लेकर वैसे तो हिंदू धर्म में कई रस्में और परंपराएं निभाई जाती है लेकिन आपने कभी पीली चिट्ठी परंपरा के बारे में सुना है। पीली चिट्ठी परंपरा की बात की जाए तो, विवाह की रस्मों की शुरुआत की पहली परंपरा होता है।
इस पहली परंपरा में कई जगहों पर पीला पत्र, शुभ पत्र या कन्यादान पत्र भी कहा जाता है। शादी की परंपराओं में इसका विशेष स्थान होता है। कई जगहों पर पीली चिट्ठी की परंपरा अलग होती है लेकिन विवाह की आधिकारिक और धार्मिक घोषणा करना ही होता है।
भारतीय विवाह में पीली चिट्ठी परंपरा का विशेष महत्व होता है। यहां पर शादी-ब्याह में यह एक तरह का पारंपरिक पत्र है, जिसे पीले या हल्दी लगे कागज पर लिखा जाता है. यह पत्र लड़की पक्ष से उनके सभी रिश्तेदारों, समुदाय के लोगों और गांव या समाज प्रमुख को भेजा जाता है। इस पत्र में सगाई की शुभ तारीख, विवाह का शुभ मुहूर्त, बारात का समय, कन्या और वर पक्ष का नाम तथा विवाह की सारी जानकारियां लिखी जाती है।कई जगहों पर इस चिट्ठी को सिर्फ सूचना पहुंचाने के तरीके से नहीं भेजा जाता है, बल्कि समाज की स्वीकृति का प्रतीक भी मानी जाती है।
विवाह में पीली चिट्ठी का विशेष महत्व बताया गया है जिसके लिए कई बातें खास होती है।
1- भारतीय संस्कृति और विवाह संस्कार में पीले रंग का महत्व होता है। हल्दी वाला यह रंग सौभाग्य, समृद्धि और मंगल का भी प्रतीक माना गया है जो पवित्रता को दर्शाता है। इस पीले पत्र पर ही विवाह की सूचना लिखी जाती है जिसे इस पत्र पर लिखना शुभ होता है।
2- धार्मिक और ज्योतिषीय रूप में पीली चिट्ठी का महत्व होता है। यहां पर ज्योतिषीय परंपराओं के अनुसार, पीली चिट्ठी भेजने से विवाह में किसी तरह की बाधाएं नहीं आती और प्रसन्नता के साथ सभी शुभ कार्य की शुरुआत होती है।
3-पुराने समय में विवाह के औपचारिक निमंत्रण के रूप में यह पीली चिट्ठी का ही महत्व होता था। इसे समाज की सहमति का जरिया माना जाता था। अब इस पत्र की जगह मोबाइल फोन और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने ले लिया है।
4- विवाह संस्कार में पीली चिट्ठी सिर्फ निमंत्रण नहीं, बल्कि यह परिवार, रिश्तेदार और समाज को साथ जोड़ने का खास तरीका होता है।
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विवाह में पीली चिट्ठी की परंपरा का महत्व होता है। यह परंपरा भावनात्मक, सांस्कृतिक और धार्मिक रूप से आज भी बेहद खास मानी जाती है। भले ही इस मौजूदा आधुनिक समय में शादी के कार्ड, डिजिटल इन्विटेशन और व्हाट्सऐप की सुविधा आ गई हो।