Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो
  • चुनाव

  • ई-पेपर
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • राजनीति
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • क्राइम
  • नवभारत विशेष
  • मनोरंजन
  • बिज़नेस
  • अन्य
    • वेब स्टोरीज़
    • वायरल
    • ऑटोमोबाइल
    • टेक्नॉलजी
    • धर्म
    • करियर
    • टूर एंड ट्रैवल
    • वीडियो
    • फोटो
    • चुनाव
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • क्राइम
  • लाइफ़स्टाइल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • राजनीति
  • बिज़नेस
  • ऑटोमोबाइल
  • टेक्नॉलजी
  • धर्म
  • वेब स्टोरीज़
  • करियर
  • टूर एंड ट्रैवल
  • वीडियो
  • फोटो
  • चुनाव
In Trends:
  • Ganesh Chaturthi |
  • Tariff War |
  • Bihar Assembly Elections 2025 |
  • Weather Update |
  • Aaj ka Rashifal |
  • Share Market
Follow Us
  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

कब शुरू हो रहा है पितृपक्ष, जानिए श्राद्ध में कौए को क्यों कराते हैं भोजन

पितृ पक्ष में कौवे को भोजन देने की परंपरा हिन्दू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। यह परंपरा पूर्वजों की आत्मा की शांति और सम्मान के लिए की जाती है। ऐसे में आइए जानते है इस परंपरा के पीछे का धार्मिक महत्व ।

  • By सीमा कुमारी
Updated On: Jun 23, 2025 | 12:38 PM

श्राद्ध में कौए को भोजन क्यों कराते हैं (सौ.सोशल मीडिया)

Follow Us
Close
Follow Us:

सनातन धर्म में पितृपक्ष यानी श्राद्ध पक्ष का बहुत अधिक महत्व है। इस वर्ष पितृपक्ष की शुरुआत 7 सितंबर से हो रही है और इसका समापन 21 सितंबर 2025 को होगा। हिन्दू मान्यता के अनुसार, यह समय मुख्य रूप से पितरों के पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध के लिए समर्पित होता है जोकि 15 दिनों तक चलता है। पितृपक्ष के दौरान पितरों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है।

बता दें, हर साल भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि से पितृपक्ष की शुरुआत होती है और इसका समापन आश्विन मास की अमावस्या के दिन होती है। हिंदू धर्म में कई तरह के धार्मिक अनुष्ठान किए जाते है। इन्हीं में से एक श्राद्ध कर्म भी है। श्राद्ध कर्म को पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए किया जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं श्राद्ध में कौए को भोजन क्यों कराते हैं? क्या है इसका महत्व-

श्राद्ध में कौए को भोजन क्यों कराते हैं

हिंदू मान्यता के अनुसार, श्राद्ध कर्म में पिंडदान और भोजन का दान अहम माना जाता है। श्राद्ध कर्म में विशेष रूप से कौए को भोजन कराया जाता है। इसका संबंध पितृ लोक और पूर्वजों से होता है। हिंदू शास्त्रों के मुताबिक, श्राद्ध में कौए को भोजन कराना इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इन्हें पितरों का दूत कहा जाता है।

श्राद्ध कर्म को लेकर गरुड़ पुराण में कहा गया है कि, जब कोई व्यक्ति अपने पितरों का पिंडदान करता है तो, कौए के रूप में उसके पूर्वज धरती लोक पर आते है।

अगर कौए ने परोसा हुआ भोजन स्वीकार कर लिया तो यह संकेत शुभ माना जाता है। ये अनुष्ठान आत्मा की तृप्ति और मोक्ष को और सरल बनाता है।

श्राद्ध कर्म का उल्लेख धार्मिक ग्रंथों में भी

श्राद्ध कर्म का उल्लेख तमाम धार्मिक शास्त्रों और पुराणों में भी है। गरुड़ पुराण के प्रेत खंड में बताया गया है कि, कौआ पितरों का प्रतिनिधि होता है और यदि श्राद्ध कर्म में कौआ ने भोजन स्वीकार कर लिया तो ये पितरों की तृप्ति का संकेत होता है।

हिंदू धार्मिक शास्त्र मनुस्मृति के अध्याय 3 और श्लोक 210 में श्राद्ध कर्म को लेकर कहा गया है-

“पिण्डोदकक्रियाभिस्तु त्रिप्तिं यान्ति पितामहाः।
न च त्रिप्तिं विना तेषां गमनं विद्यते क्वचित्॥”

अर्थात, पिंड और जल की क्रियाओं से ही पितरों को तृप्ति मिलती है। पितरों को तृप्त किए बिना उन्हें किसी भी प्रकार का मोक्ष नहीं मिलता है।

सोम प्रदोष के दिन इस स्थान पर जलाएं दीया, लव मैरिज में आ रही अडचनें होंगी दूर, मांगलिक दोष से मुक्ति के लिए करें ये उपाय

इसके साथ ही महाभारत के अनुशासन पर्व के अध्याय 92 के श्लोक में कहा गया है-

“पिण्डं पित्रे प्रयच्छेत तिलोदकसमन्वितम्।
यदा काकः पिबेत्तोयं तदा तृप्तो भवेद्धि सः॥”

जिसका अर्थ है कि, जब श्राद्ध कर्म में पितरों का पिंडदान किया जाता है और कौआ उस जल को ग्रहण कर ले तो इसका मतलब है कि पितृ तृप्त हो गए है।

क्या है सनातन धर्म पिंडदान का महत्व

श्रद्धा कर्म का उल्लेख मनुस्मृति और महाभारत जैसे पौराणिक ग्रथों में भी देखने को मिलता है। मनुस्मृति के मुताबिक, ‘पितरों का पिंड और तर्पण करने से उन्हें तृप्ति मिलती है। जब पितर संतोष होते हैं तो वे आशीर्वाद देते है।’

श्राद्ध कर्म में पिंडदान करने के लिए आटा,तिल, चावल और जल का इस्तेमाल होता है, जिसे आत्मा को भोजन के रूप में अर्पित किया जाता है। श्राद्ध कर्म को करने से मरने के बाद पितरों की यात्रा सरल हो जाती है।

वही जो लोग अपने पितरों का तर्पण या पिंडदान नहीं करते हैं, उनके पितृ प्रेत योनि में ही भटकते रहते है। कौए को भोजन देने से इस बात का पता चलता है कि पितरों ने भोजन स्वीकार किया या नहीं है।

 

Why do we feed crows during shraddha

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: Jun 23, 2025 | 12:38 PM

Topics:  

  • Lifestyle News
  • Pitru Paksha
  • Religion

सम्बंधित ख़बरें

1

आज मनाई जा रही है ऋषि पंचमी, जानिए महिलाएं क्यों करती हैं ऋषि पंचमी व्रत

2

दिगंबर जैन आचार्य सुनील सागर ने दिया वसुधैव कुटुंबकम का संदेश, कहा-भारत का डीएनए एक, मान्यताएं अलग

3

जीवन से लेकर कॉर्पोरेट जगत में काम आएंगे गणेशजी के ये 9 अनमोल सबक, जान लीजिए

4

आज का राशिफल-28 अगस्त 2025: आज गणेश चतुर्थी का दूसरा दिन इन 4 राशियों के लिए रहेगा शुभ

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • अकोला
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.