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योग और प्राणायाम के जन्मदाता भगवान दत्तात्रेय की जयंती इस दिन, पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजाविधि नोट कर लें

भगवान दत्तात्रेय को समर्पित दत्तात्रेय जयंती हर साल मार्गशीर्ष महीने की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस साल 2024 में दत्तात्रेय जयंती 14 दिसंबर को मनाई जाएगी।

  • By सीमा कुमारी
Updated On: Dec 02, 2024 | 05:31 PM

योग और प्राणायाम के जन्मदाता है भगवान दत्तात्रेय

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Dattatreya Jayanti 2024: भगवान दत्तात्रेय को समर्पित दत्तात्रेय जयंती हर साल मार्गशीर्ष महीने की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस साल 2024 में दत्तात्रेय जयंती 14 दिसंबर को मनाई जाएगी। ज्योतिषयों के अनुसार, भगवान दत्तात्रेय को ब्रह्मा, विष्णु और महेश इन तीनों का अंश माना जाता है।

धार्मिक मान्यता है कि इस दिन दत्तात्रेय जयंती के दिन व्रत और पूजन करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। आइए जानते हैं कि इस साल कब मनाई जाएगी दत्तात्रेय जयंती और इस दिन के महत्व के बारे में –

तिथि और शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 14 दिसंबर, 2024 को शाम 4 बजकर 58 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 15 दिसंबर, 2024 दोपहर 2 बजकर 31 मिनट पर होगी। पंचांग को देखते हुए इस साल दत्तात्रेय जयंती 14 दिसंबर को मनाई जाएगी।

क्या है दत्तात्रेय जयंती पूजा विधि

दत्तात्रेय जयंती पर सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें। पूजा कक्ष को साफ करें। एक चौकी पर भगवान दत्तात्रेय की मूर्ति स्थापित करें। उन्हें गंगाजल से स्नान करवाएं। सफेद चंदन का तिलक लगाएं। उन्हें फूल माला और मिठाई आदि अर्पित करें।

वहीं, जिनके पास दत्तात्रेय जी की मूर्ति नहीं है, वे भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित कर सकते हैं, क्योंकि कुछ लोगों को यह मानना है कि वह भगवान विष्णु के अवतार थे इसलिए भक्त भगवान विष्णु की मूर्ति की पूजा कर सकते हैं।

साथ ही, उन्हें तुलसी-पत्र और पंचामृत जरूर अर्पित करें, जो साधक इस दिन उपवास का पालन करते हैं, उन्हें व्रत कथा का पाठ जरूर करना चाहिए। साथ ही अंत में आरती करनी चाहिए। इस दिन गलती से भी तामसिक चीजों का उपयोग न करें। पूजा में हुई गलतियों के लिए क्षमा याचना करें। जरूरतमंदों में कुछ दान जरूर करें।

दत्तात्रेय जयंती का महत्व

शास्त्रों के अनुसार, भगवान दत्तात्रेय तीन मुख धारण करते हैं। इनके पिता महर्षि अत्रि थे और इनकी माता का नाम अनुसूया था। उनकी तीन भुजाएं और तीन मुख हैं। ऐसा कहा जाता है कि भगवान दत्तात्रेय की पूजा करने से जीवन में सुख समृद्धि बनी रहती है। भगवान दत्तात्रेय ने प्रकृति, मनुष्य और पशु-पक्षी सहित चौबीस गुरुओं का निर्माण किया था।

इसे भी पढ़ें–दिसंबर में इस दिन है चंपा षष्ठी का व्रत, जानें शुभ तिथि, पूजा विधि और इस खास दिन का महत्व   

मान्यता है कि इनके जन्मदिवस पर इनकी पूजा करने से और उपवास रखने से शीघ्र फल मिलते हैं और भक्तों को कष्टों से मुक्ति प्राप्त हो जाती है। साथ ही उन्हें धन-समृद्धि की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि दत्तात्रेय ही योग, प्राणायाम के जन्मदाता थे। इनकी सोच ने ही वायुयान की उत्पत्ति की थी।

When will dattatreya jayanti be celebrated

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Published On: Dec 02, 2024 | 05:31 PM

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  • Dattatreya Jayanti

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