ज्येष्ठ मास विनायक चतुर्थी (सौ.सोशल मीडिया)
विनायक चतुर्थी हर महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर मनाई जाती है। इस बार ज्येष्ठ महीने की विनायक चतुर्थी का व्रत 30 मई 2025 को मनाई जाएगी। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से सभी शुभ कामों में सफलता मिलती है। साथ ही व्यक्ति की आय, आयु और सौभाग्य में वृद्धि होती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि ज्येष्ठ मास में विनायक चतुर्थी व्रत कब रखा जाएगा।
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04:03 मिनट से 04:43 मिनट तक ।
विजय मुहूर्त – दोपहर 02:37 मिनट से 03:32 मिनट तक।
गोधूलि मुहूर्त – शाम 07:12 मिनट से 07:33 मिनट तक ।
निशिता मुहूर्त – रात 11:58 मिनट से 12:39 मिनट तक ।
विनायक चतुर्थी के दिन, सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान और ध्यान करके व्रत का संकल्प लें। इसके पश्चात, घर के मंदिर में एक लकड़ी की चौकी पर हरे रंग का कपड़ा बिछाएं। फिर उस चौकी पर गणेश जी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
इसके बाद, प्रतिमा के समक्ष घी का दीप जलाएं और बप्पा को गंगाजल से अभिषेक करें। भगवान गणेश को पुष्प, दूर्वा घास, सिंदूर आदि अर्पित करें।
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इसके बाद, भोग के रूप में मोदक या लड्डू चढ़ाएं और अंत में गणेश जी की आरती करें। इस दिन विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए गणेश जी के मंत्र और गणेश संकटनाशन स्तोत्र का पाठ करें।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा-अर्चना के साथ ही बप्पा को उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाया जाता है। मान्यता है कि विनायक चतुर्थी व्रत करने से सारे रुके हुए काम पूरे होते हैं।
विनायक चतुर्थी के दिन पूजा के दौरान गणेश चालीसा का पाठ करना भी फलदायी माना गया है। ऐसा करने से जीवन के दुख-संकट दूर होते हैं और जीवन में खुशियों का आगमन होता है।