भगवान गणेश,(सौ.सोशल मीडिया)
Budhwar Ke Upay: आज बुधवार का दिन है। सनातन धर्म में बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है। इस दिन भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इसके साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि के लिए बुधवार का व्रत रखा जाता है। इस दिन व्यापार के दाता बुध देव की भी उपासना की जाती है।
ज्योतिष कारोबार में सफलता पाने के लिए बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा करने की सलाह देते हैं। अगर, आप भी करियर और कारोबार में विशेष सफलता पाना चाहते हैं, तो बुधवार के दिन स्नान-ध्यान के बाद विधिपूर्वक भगवान गणेश की पूजा करें। इसके साथ ही पूजा के समय ये उपाय जरूर करें। आइए जानते है बुधवार के दिन किन उपायों को करना चाहिए-
बुधवार के दिन करें ये उपाय
आर्थिक तंगी से निजात
ज्योतिषयों के अनुसार, अगर आप आर्थिक तंगी से निजात पाना चाहते हैं, तो बुधवार के दिन भक्ति भाव से भगवान गणेश की पूजा करें। इस समय भगवान गणेश को दूर्वा और मोदक अर्पित करें। इस उपाय को करने से धन संबंधी परेशानी दूर होती है।
वास्तु-दोष से निजात
कहते है, अगर आप वास्तु दोष से निजात पाना चाहते हैं, तो बुधवार के दिन स्नान-ध्यान के बाद विधि विधान से भगवान श्रीकृष्ण को बांसुरी अर्पित करें। इसके बाद बांसुरी को उत्तर दिशा में स्थित कमरे में रख दें। इस उपाय को करने से वास्तु दोष दूर होता है।
शत्रुओं से निजात
अगर, आपका कोई शत्रु आपको बहुत ज्यादा परेशान कर रहा है और आपके कामों में बाधा डाल रहा है, तो शत्रु से छुटकारा पाने के लिये आज बाजार से एक पान का पत्ता लेकर आएं और उस पान के पत्ते को अच्छे से साफ करके, उस पर हल्दी से सातिया, यानि स्वास्तिक का चिन्ह बनाकर भगवान गणेश को अर्पित करें और अपने शत्रु का नाम लेते हुए, उससे छुटकारा पाने के लिये भगवान से प्रार्थना करें।
करियर या कारोबार में बाधा से निजात
करियर में सफलता पाने के लिए बुधवार के दिन कच्चे दूध में दूर्वा मिलाकर भगवान गणेश का अभिषेक करें। इस उपाय को करने से कुंडली में बुध मजबूत होता है। इससे करियर या कारोबार में मनमुताबिक सफलता मिलती है।
धर्म की खबरें जानने के लिए क्लिक करें…
वैवाहिक जीवन की अड़चनें से निजात
अगर आपके दांपत्य संबंधों की खुशहाली में कोई तीसरा अड़चनें डाल रहा है तो उससे अपना पीछा छुड़ाने के लिये आज के दिन आपको एक मुट्ठी मसूर की दाल लेनी चाहिए और उसे अपने जीवनसाथी के हाथों से सात बार स्पर्श कराना चाहिए। स्पर्श कराने के बाद उस मंसूर की दाल को किसी साफ बहते जल में प्रवाहित कर दें।