बुद्ध पूर्णिमा 2025 (सौ. सोशल मीडिया)
Buddha Purnima 2025: आज देशभर में बुद्ध पूर्णिमा की तिथि मनाई जा रही है जो वैशाख महीने की सबसे पुण्यदायक तिथि में से एक होती है। कहते है कि, भगवान बुद्ध की इस दिन आराधना की जाती है। कहते हैं बुद्ध पूर्णिमा के दिन पीपल के वृक्ष की पूजा करने का महत्व होता है जो मनोकामनाओं की पूर्ति करता है। आज वैशाख महीने में पीपल के वृक्ष की आराधना करने से भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है तो वहीं पर पीपल वृक्ष में भगवान का वास माना गया है। बुद्ध पूर्णिमा के दिन पीपल के वृक्ष की पूजा करनी चाहिए।
आपको बताते चलें कि, हर साल वैशाख पूर्णिमा के दिन बुद्ध पूर्णिमा मनाया जाता है। कहते हैं कि, इस तिथि वैशाख पूर्णिमा के दिन ही भगवान विष्णु के नवें अवतार, भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था। उन्हें ज्ञान की प्राप्ति पीपल वृक्ष के नीचे हुई थी, जिसे बोधि वृक्ष भी कहा जाता है। उन्होंने छह वर्षों तक इसी वृक्ष के नीचे तपस्या की और पूर्णिमा के दिन ही उन्हें बोधि प्राप्त हुआ। बुद्ध पूर्णिमा के दिन आपको विधि-विधान के साथ पूजा करनी चाहिए।बुद्ध पूर्णिमा के दिन सूर्योदय के बाद पीपल पर दूध व जल चढ़ाएं और पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख रखकर वृक्ष की तीन परिक्रमा करें। धार्मिक मान्यता है कि सुबह के समय पीपल में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवताओं का निवास होता है। वहीं, दिन के समय इसमें मां लक्ष्मी का वास होता है, जिससे घर में सुख-समृद्धि आती है।
आपको बताते चलें कि, बुद्ध पूर्णिमा के दिन पीपल का पौधा लगाना सही माना जाता है। अगर इस दिन हम पीपल के वृक्ष की पूजा करते हैं तो कहा जाता है कि, पितर खुश हो जाते है ।यदि पीपल पर दूध, जल और काले तिल चढ़ाए जाएं, तो पितरों की कृपा प्राप्त होती है। इसके अलावा कहा जाता है कि, पीपल की पूजा करने से कुंडली के अशुभ ग्रहों का प्रभाव कम होता है। खासकर शनि, गुरु, राहु और केतु जैसे ग्रहों की शांति हेतु पीपल पूजन और वृक्षारोपण अत्यंत लाभदायक माना गया है।