संत प्रेमानंद महाराज (सौ.सोशल मीडिया)
Premanand Ji Maharaj : हिन्दू धर्म में कई सारे साधु-संत ऐसे हैं जिनके अच्छे विचारों से लोगों का मार्गदर्शन होता है। इन्हीं में से एक हैं वृंदावन के रहने वाले प्रेमानंद महाराज। आज प्रेमानंद जी महाराज किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। देश-विदेश से लोग उनसे मिलने पहुंचते हैं। वहीं, आजकल सोशल मीडिया पर छाए रहते हैं।
आपको बता दें, वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज की बातों को कई लोग अपने जीवन में अपनाते हैं। कई बड़े हस्तियां क्रिकेटर और बॉलीबुड के सेलिब्रिटी भी उनके भक्तों में शामिल हैं। ऐसे में एक भक्त ने संत प्रेमानंद जी महाराज से एक बहुत ही रहस्यमय प्रश्न पूछा महाराज जी, कृपा करके बताइए जीवन में सफलता के लिए परिश्रम ज्यादा जरूरी है या भाग्य?
क्या मेहनत ही सब कुछ है, या फिर जो भाग्य में लिखा है वही मिलेगा? क्या आपके मन में भी यही सवाल उठता है तो आइएं जानते है इस विषय पर क्या बोले संत प्रेमानंद महाराज।
संत प्रेमानंद महाराज के अनुसार, कर्म भाग्य से बड़ा है। वे कहते हैं कि मनुष्य अपने कर्मों से भाग्य को बदल सकता है, और अच्छे कर्म करने से भाग्य भी अच्छा होता है।
आगे कहते है एक बात हमेशा याद रखो अगर आपका भाग्य भारी है तो कोई ताकत आपको सफलता प्राप्त करने से नहीं रोक सकती है और अगर आपको अपनी किस्मत चमकानी है तो वह सिर्फ एक चीज से हो सकती है वो है भगवान का नाम जप क्योंकि कई लोग ऐसे है जिन्होंने बहुत अधिक मेहनत की है।
लेकिन फिर भी उनके हाथ सफलता नहीं आई। दूसरी और ऐसे लोग भी है जो कि अपने भाग्य की चमक से जीवन की सारी चीजें आसानी से प्राप्त कर ले जाते है।
महाराज जी ने अपने भक्त को बड़े ही प्यार, भाव से समझाया कि जो कुछ तुम्हारे भाग्य में लिखा होगा बस वहीं तुमको मिलेंगा चाहे कोई भी कितनी मेहनत कर लें। क्योंकि भाग्य वो है जिससे कोई नहीं जीत सकता है। भगवान ने जो आपके खाते में लिख दिया वह तो आपको झेलना ही पड़ेगा।
अगर चाहते हो आपका भाग्य अच्छा हो तो सिर्फ एक चीज है जो आपके भाग्य को पूरी तरह बदल सकती है और वो है भगवान का नाम जप और श्रद्धा भाव से कीर्तन क्योंकि सच्चे मन से लिया गया भगवान का नाम ही कर्मों को बदल सकता है और आपके भाग्य को भी।
ये भी पढ़ें:-आज अंगारकी चतुर्थी और संकष्टी चतुर्थी का अतिशुभ संयोग, करें ये उपाय, श्रीगणेश हर लेंगे सारे दुख
प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि राधा नाम का जप आपको 24 घंटे में कम से कम 30 मिनट करना होगा। आप इस काम के लिए 30 मिनट रोज निकाल लें। आप ऐसा करेंगे तो आपको इसका असर दिखाई देगा।
कर्म बड़ा है या भाग्य? प्रेमानंद जी महाराज ने भी आपको इसका जवाब दे दिया है। अब आप पर है कि आप उनके दिए गए सुझाव को मानते हैं या भाग्य पर निर्भर रहेंगे।