दशहरा कब है (सौ.सोशल मीडिया)
Dussehra 2025: 2 अक्टूबर यानी कल बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक दशहरा यानी विजयादशमी का महापर्व पूरे देश भर में मनाया जाएगा। आपको बता दें, दशहरा का पावन पर्व सिर्फ सनातन परंपरा से जुड़ी आस्था तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भारत की लोक संस्कृति और परंपरा का भी अटूट हिस्सा है।
यह पर्व हर साल आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है और इसे ‘विजयदशमी’ के नाम से भी जाना जाता है। यह दिन अच्छाई की बुराई पर जीत का प्रतीक है और इसलिए देशभर में इसे अलग-अलग रूपों में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, इसी दिन भगवान श्रीराम ने लंकापति रावण का वध कर अधर्म पर धर्म की विजय प्राप्त की थी साथ ही, मां दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का अंत भी इसी दिन किया था।
आपको जानकारी के लिए बता दें, भारत में दशहरे का महापर्व अलग-अलग तरीकों से बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। जगह-जगह पर रामलीला का आयोजन होता है, जिसमें भगवान राम के जीवन और लंका युद्ध की झलक दिखाई दिखाई जाती है। शाम के समय रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के विशालकाय पुतले दहन किए जाते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि दशहरा पर क्या पूजन मुहूर्त रहने वाला है किस समय रावण का दहन होगा।
आपको बता दें, पंचांग के अनुसार, आश्विन मास की दशमी तिथि 1 अक्टूबर यानी आज शाम 7 बजकर 1 मिनट पर शुरू होगी और तिथि का समापन 2 अक्टूबर यानी कल शाम 7 बजकर 10 मिनट पर होगा उदयातिथि के अनुसार, 2 अक्टूबर यानी कल ही दशहरा का महापर्व मनाया जाएगा।
आपको बता दें, पंचांग के अनुसार, अस्त्र शस्त्र की पूजा का मुहूर्त 2 अक्टूबर की दोपहर 1 बजकर 21 मिनट से शुरू होकर दोपहर 3 बजकर 44 मिनट तक रहेगा। इसकी अवधि 2 घंटे 22 मिनट की रहेगी।
पूजन का मुहूर्त- दोपहर 2 बजकर 9 मिनट से लेकर दोपहर 2 बजकर 56 मिनट तक रहेगा, जिसकी अवधि 47 मिनट की रहेगी।
वाहन आदि खरीदने का मुहूर्त- सुबह 10 बजकर 41 मिनट से दोपहर 1 बजकर 39 मिनट तक रहेगा।
ज्योतिषयों के अनुसार, दशहरा के दिन रावण दहन हमेशा प्रदोष काल में किया जाता है। प्रदोष काल का समय सूर्यास्त के बाद शुरू होता है। इस दिन सूर्यास्त का समय शाम 6 बजकर 05 मिनट पर शुरू होगा और इसी के बाद से रावण दहन भी शुरू हो जाएगा।
हिन्दू लोक मान्यताओं के अनुसार, धार्मिक एवं ज्योतिष दृष्टि से दशहरे का दिन बहुत ही शुभ एवं पावन होता है। इस दिन किसी भी शुभ एवं मांगलिक कार्यो के लिए मुहूर्त देखने की जरूरत नहीं होती है।
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क्योंकि इस दिन पूरा दिन शुभ होता है। कहा जाता है कि, इस दिन किया गया घर में सुख समृद्धि लाता है। आपको बता दें,इस दिन कई लोग अपने बच्चों की पढ़ाई या व्यवसाय की शुरुआत का संकल्प लेते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और सफलता की राह खोलने वाला दिन माना गया है।