सही विधि से करें भगवान शिव कीउपासना (सौ.सोशल मीडिया)
Masik Shivratri 2025 puja rules:आज पौष माह की मासिक शिवरात्रि मनाई जा रही है। सबसे बड़ी खास बात यह है कि आज भगवान शिव की आराधना के साथ-साथ ‘सर्वार्थसिद्धि योग’ का अद्भुत संयोग भी बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र में इस योग को अत्यंत शुभ माना गया है, क्योंकि इसमें किए गए धार्मिक कार्य शीघ्र फल प्रदान करते हैं। भगवान शिव की आराधना से जीवन की बाधाएं दूर होती हैं और कार्यों में गति आती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मासिक शिवरात्रि पर व्रत और पूजा का विशेष विधान है। कई बार श्रद्धालु व्रत तो रखते हैं, लेकिन पूजा समय नियमों का पालन नहीं कर पाते। बिना शुद्धता के पूजा करना, गलत समय पर अभिषेक करना या मंत्र जाप में लापरवाही करना ऐसी भूलें मानी जाती हैं, जिनसे सर्वार्थसिद्धि योग का पूरा लाभ नहीं मिल पाता।
मासिक शिवरात्रि पर शिवलिंग का जल, दूध और बेलपत्र से अभिषेक करना शुभ माना गया है। पूजा के दौरान मन को शांत रखकर “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करना चाहिए। रात्रि काल में शिव पूजन का विशेष महत्व बताया गया है, इसलिए इसी समय आराधना करने से व्रत पूर्ण माना जाता है।
धार्मिक विश्वास है कि यदि मासिक शिवरात्रि सर्वार्थसिद्धि योग में विधि-विधान से मनाई जाए, तो रुके हुए काम बनने लगते हैं और जीवन में सकारात्मक बदलाव आता है। छोटी-सी सावधानी और सही नियमों का पालन इस शुभ दिन के फल को कई गुना बढ़ा सकता है।
सनातन धर्म में मासिक शिवरात्रि को भगवान शिव की विशेष आराधना का दिन माना गया है। यह पर्व हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को आता है। मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से व्रत और पूजा करने से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
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धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, शिवरात्रि वह तिथि है जब भगवान शिव बहुत ही कृपालु होते हैं मासिक शिवरात्रि पर की गई पूजा से पापों का नाश होता है नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है, यह दिन आत्मशुद्धि और साधना का भी प्रतीक माना गया है।