मंगला गौरी व्रत (सौ.सोशल मीडिया)
हिंदू धर्म में सावन का महीना शिवभक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। यह महीना भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा पाने का एक शुभ अवसर लेकर आता है। इस पवित्र महीने में कई ऐसे व्रत और त्योहार पड़ते हैं जो भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करने में मदद करता है।
इन्हीं में से एक है मंगला गौरी व्रत, जिसे विशेष रूप से उन अविवाहित कन्याओं और युवकों के लिए शुभ एवं फलदायक माना जाता है जिनकी शादी में लगातार देरी या बाधाएं आ रही हैं। इस व्रत को सच्चे मन से रखने पर माता गौरी की कृपा से विवाह संबंधी सभी बाधाएं दूर हो सकती हैं।
ऐसे में आइए जानते हैं इस बार सावन में ये व्रत कब-कब आने वाला है, और इस व्रत का महत्व क्या है?
आपको बता दें,सावन मास में चार मंगलवार पड़ते हैं, जिन पर यह व्रत किया जाएगा।
15 जुलाई 2025
22 जुलाई 2025
29 जुलाई 2025
5 अगस्त 2025
ज्योतिषयों के अनुसार, मंगला गौरी व्रत सावन महीने के हर मंगलवार को रखा जाता हैं। यह व्रत विशेष रूप से सुखी दाम्पत्य जीवन और योग्य जीवनसाथी की प्राप्ति के लिए रखा जाता हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत को रखने से माता गौरी प्रसन्न होती हैं और विवाह में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करती हैं। अविवाहित कन्याएं उत्तम वर की कामना के लिए यह व्रत रखती हैं, जबकि विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुखी दांपत्य जीवन के लिए इसे करती हैं।
विवाह बाधाएं दूर करने के लिए पूजा के दौरान और सामान्यतः भी पीले वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है, क्योंकि पीला रंग गुरु ग्रह से संबंधित हैं।
मंगला गौरी व्रत के दिन शिव मंदिर में जाकर भगवान शिव और माता पार्वती के दर्शन करें और उनसे शीघ्र विवाह की प्रार्थना करें।
विवाह बाधाएं दूर करने के लिए पूजा के दौरान माता गौरी को सिंदूर अर्पित करें और थोड़ा सिंदूर अपनी मांग में लगाएं।
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सावन में तुलसी विवाह का आयोजन या उसमें शामिल होना भी विवाह बाधाएं दूर करने में सहायक माना जाता है।
विवाह बाधाएं दूर करने के लिए जरूरतमंदों को भोजन या वस्त्र दान करें। गौ सेवा करना भी अत्यंत शुभ फलदायी माना जाता है।