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मार्गशीर्ष पूर्णिमा की सही तिथि जानिए, विधिवत करें पूजा, जानिए इस विशेष दिन का महात्म्य

मार्गशीर्ष माह में आने वाली पूर्णिमा तिथि साल 2024 की आखिरी पूर्णिमा रहेगी। मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा तिथि 15 दिसंबर 2024 को है। वैसे तो पूर्णिमा के व्रत हर महीने किया जाता है, लेकिन ज्योतिष शास्त्र में मार्गशीर्ष माह में आने वाली पूर्णिमा को बहुत ही शुभ माना जाता है।

  • By सीमा कुमारी
Updated On: Nov 22, 2024 | 11:42 PM

मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा

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Margshirsh Purnima 2024: पूर्णिमा तिथि का सनातन धर्म में विशेष महत्व है। मार्गशीर्ष माह में आने वाली पूर्णिमा तिथि साल 2024 की आखिरी पूर्णिमा रहेगी। मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा तिथि 15 दिसंबर 2024 को है। वैसे तो पूर्णिमा के व्रत हर महीने किया जाता है, लेकिन ज्योतिष शास्त्र में मार्गशीर्ष माह में आने वाली पूर्णिमा को बहुत ही शुभ माना जाता है।

इसे अगहन पूर्णिमा, मोक्षदायिनी पूर्णिमा और बत्तीसी पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस तिथि पर किए गए दान-पुण्य, शुभकर्यों का फल किसी भी अन्य पूर्णिमा की तुलना में बत्तीस गुना ज्यादा मिलता है। आइए जानते है साल 2024 की आखिरी पूर्णिमा की तिथि,पूजा विधि और इसकी महिमा-

मार्गशीर्ष माह पूर्णिमा तिथि

पंचांग के अनुसार, साल आखिरी यानी मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत शनिवार, 14 दिसंबर को शाम 4 बजकर 58 मिनट पर शुरू होगी। वहीं तिथि का समापन रविवार, 15 दिसंबर को रात 2 बजकर 31 मिनट पर होगी।

जिसके अनुसार पूर्णिमा तिथि का व्रत 15 दिसंबर को किया जाएगा। वहीं 15 दिसंबर को चंद्रोदय शाम 5 बजकर 14 मिनट पर होगा।

मार्गशीर्ष पूर्णिमा पूजा विधि

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन व्रत करने के लिए सुबह उठकर स्नान कर लें। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है, लेकिन संभव न हो तो, नहान के पानी में गंगा जल डालकर स्नान कर सकते हैं।

इसके बाद घर के मंदिर की साफ- सफाई कर लें। उसके बाद घर के मंदिर में दीपक जलाएं और व्रत का संकल्प लें। उसके बाद सभी देवी-देवताओं का गंगाजल से अभिषेक करें। फिर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधि- विधान से पूजा करें। उसके बाद श्री हरि को भोग लगाएं जिसमें तुलसी को जरुर शामिल करें।

भोग लगाने के बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आरती करे। फिर शाम को चंद्रोदय के बाद चंद्रमा का पूजन कर अर्घ्य दे। मान्यता है कि ऐसा करने से सभी दोषों से मुक्ति मिलती है। पूजा के बाद इस दिन दान पुण्य जरूर करें।

ये भी पढ़ें- मार्गशीर्ष मास में इन वस्तुओं के साथ भगवान सूर्य को दें जल का अर्घ्य, परिणाम स्वयं करेंगे अनुभव 

मार्गशीर्ष पूर्णिमा का धार्मिक महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधि- विधान से पूजा और व्रत करने से जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। इसके अलावा व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है और हर क्षेत्र में सफलता हासिल होती है।

 

Know the exact date of margashirsha purnima

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Published On: Nov 22, 2024 | 11:42 PM

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