इन वस्तुओं के साथ भगवान सूर्य को दें जल का अर्घ्य
Margashirsha Maas 2024:कार्तिक महीने के समापन होते ही मार्गशीर्ष माह की शुरुआत हो चुकी है। मार्गशीर्ष माह में सूर्य को अर्घ्य देने का बहुत महत्व होता है। यूं तो किसी भी महीने में सूर्य को रोजाना अर्घ्य देने से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है।
मार्गशीर्ष माह में सूर्य को अर्घ्य देने से न सिर्फ कुंडली में सूर्य मजबूत होता है और भाग्य का भी साथ मिलता है, बल्कि भगवान श्री कृष्ण का भरपूर आशीर्वाद भी मिलता है। ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, मार्गशीर्ष माह में सूर्य को चढ़ाए जाने वाले जल में क्या मिलाकर अर्घ्य देना चाहिए, जिससे जातक का भाग्या चमक सकता है। आइए जानते है इस बारे में-
जल में तिल मिलाकर सूर्य को चढ़ाएं
ज्योतिषयों की मानें तो, तिल का संबंध पितरों से माना गया है। वहीं, इसका नाता शनिदेव से भी है। जहां एक ओर तिल का किसी भी प्रकार से पूजा-पाठ के दौरान उपयोग करने से पितृ प्रसन्न हो जाते हैं और उन्हें शांति मिलती है।
वहीं, दूसरी ओर तिल का पूजा-पाठ में प्रयोग शनिदेव के क्रोध को भी शांत करता है। ऐसे में मार्गशीर्ष माह में सूर्य को जल में तिल मिलाकर अर्घ्य देने से शनि दोष नहीं लगता है और शनि ग्रह की कुंडली में स्थिति मजबूत होती है।
जल में कपूर मिलाकर सूर्य को चढ़ाएं
जैसा कि आप जानते है कि कपूर को नकारात्मकता दूर करने वाला बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि कपूर से जुड़ा कोई भी उपाय करने से जीवन और घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है। वहीं, अगर सूर्य को अर्घ्य देने वाले जल में कपूर मिलाया जाए तो इससे सूर्य दोष दूर होता है।
नौकरी, व्यापार, करियर, शिक्षा आदि क्षेत्रों में आ रही बाधाएं नष्ट हो जाती है और सकारात्मक रूप से सफलता मिलनी शुरू हो जाती है। तरक्की के मार्ग खुलने लगते हैं।
जल में लाल चंदन मिलाकर सूर्य को चढ़ाएं
लाल चंदन का प्रतिनिधित्व मंगल ग्रह करता है। मंगल को शुभता का कारक माना जाता है। वहीं, जब मंगल और सूर्य का साथ में योग बनता है तब व्यक्ति को सौभाग्य की प्राप्ति होती है और मांगलिक कार्यों में सफलता मिलनी शुरू हो जाती है।
पारिवारिक एवं पेशेवर तौर पर दोनों रूपों से आपके काम बनने लग जाते हैं। ऐसे में मार्गशीर्ष के महीने में मंगल और सूर्य को साथ में मजबूत करने के लिए लाल चंदन जल में मिलाकर अर्घ्य दें।