पौष मास में करें ये उपाय (सौ.सोशल मीडिया)
Paush Month Significance: हिंदू पंचांग का दसवां महीना पौष माह की शुरुआत कल 5 दिसंबर 2025 से हो जा रही है। पौष महीने में सूर्य देव की पूजा को विशेष महत्व होता है। इसके अलावा, पितरों की शांति के लिए इस महीने में पिंडदान और श्राद्ध कर्म करना शुभ माना जाता है।
पौष में सूर्य की गति मन्द पड़ने से खरमास भी लगता है। इस दौरान कोई भी शुभ कार्य करने की मनाही होती है। हालांकि, इस दौरान कुछ विशेष उपाय करके आप सूर्यदेव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। जानिए इन विशेष उपायों के बारे में-
ज्योतिषयों के अनुसार, पौष मास में प्रतिदिन स्नान के बाद सूर्य को अर्घ्य देना शुभ माना गया है। जल में लाल पुष्प, लाल चंदन और अक्षत डालकर सूर्यदेव को अर्पित करें और किसी भी सूर्य मंत्र का जप करें। ऐसा माना जाता है कि इससे कार्य-सिद्धि, मान-सम्मान और पद में वृद्धि होती है।
पौष मास में ठंड अधिक पड़ती है। इस मौसम में जरूरतमंदों को गर्म कपड़े, कंबल, गुड़ आदि दान करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं। ऐसा करने से सुख-शांति बढ़ती है और सूर्यदेव की कृपा प्राप्त होती है।
इस माह सूर्यदेव को तिल और चावल से बनी खिचड़ी का भोग लगाना शुभ माना गया है। साथ ही लाल या पीले रंग के वस्त्र धारण करना भी उत्तम है, क्योंकि इन्हें सूर्य का प्रिय रंग माना जाता है। इससे भाग्य बलवान होने का विश्वास है।
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पौष मास के हर रविवार व्रत रखकर सूर्यदेव की आराधना करें। व्रत के दौरान नमक का सेवन न करें और मिठाई या मीठा भोजन ग्रहण करें। इससे सूर्य का प्रभाव कुंडली में मजबूत होता है और सौभाग्य बढ़ता है।
पौष और खरमास के समय कोई भी मांगलिक कार्य या नया शुभ आरंभ नहीं किया जाता। इसलिए नए कार्य को अगले माह तक स्थगित करना ही उचित माना गया है।