गोसेवा का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व(सौ.सोशल मीडिया )
Benefits oF Goseva: हिंदू धर्म और ज्योतिष शास्त्र में गाय को माता का दर्जा दिया गया है। गोसेवा को अत्यंत पुण्यकारी माना गया है। शास्त्रों के अनुसार, गाय में 33 कोटि देवी-देवताओं का वास होता है। इसलिए गोसेवा करने से न केवल देवताओं की कृपा प्राप्त होती है, बल्कि कुंडली में मौजूद कई ग्रह दोष भी शांत होते हैं। मान्यता है कि नियमित गोसेवा से जीवन की अनेक समस्याओं का समाधान संभव है।
शनिवार के दिन काली गाय को सरसों का तेल लगी रोटी खिलाएं।इससे शनि देव प्रसन्न होते हैं और ढैय्या व साढ़ेसाती का प्रभाव कम होता है।
भूरे या काले रंग की गाय को नारियल या हरी घास खिलाएं।यह उपाय अचानक आने वाली बाधाओं और भय से राहत देता है।
सोमवार को सफेद गाय को दूध या चावल खिलाएं।इससे मानसिक तनाव, अनिद्रा और भावनात्मक अस्थिरता में कमी आती है।
प्रतिदिन या शुक्रवार को गाय को हरी घास, गुड़ या केले खिलाएं।मान्यता है कि इससे माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
गोमाता के बछड़े को सहलाएं और भोजन कराएं। यह उपाय संतान संबंधी बाधाओं को दूर करने में सहायक माना गया है।
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गोसेवा से व्यक्ति के भीतर करुणा, धैर्य और सकारात्मकता बढ़ती है। यह न केवल ग्रह दोषों को शांत करती है, बल्कि आत्मिक शुद्धि का मार्ग भी प्रशस्त करती है।
ज्योतिष शास्त्र में गोसेवा केवल धार्मिक कर्म नहीं, बल्कि जीवन को संतुलित और सकारात्मक बनाने का साधन है। नियमित रूप से श्रद्धा के साथ की गई गोसेवा से ग्रहों के कष्ट दूर होते हैं और देवताओं का आशीर्वाद जीवन में बना रहता है।