(सौजन्य सोशल मीडिया)
नवभारत डेस्क : सनातन धर्म में हर साल सावन माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन कामिका एकादशी का पर्व बड़े ही उत्साह से मनाया जाता है। यह पर्व भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन भगवान विष्णु एवं धन की देवी मां लक्ष्मी की विशेष आराधना की जाती है। यह चातुर्मास की दूसरी एकादशी होती है, जिसमें भगवान विष्णु योग निद्रा में होते हैं। हालांकि, श्रीहरि के योग निद्रा में होने से पूजा में कोई बदलाव नहीं होता है।
साधक जिस प्रकार से एकादशी व्रत चातुर्मास के पहले रखते थे, वैसे ही कामिका एकादशी का व्रत भी रखा जाएगा। एकादशी तिथि 30 जुलाई शाम 4.44 बजे प्रारंभ होगी। इस तिथि का समापन 31 जुलाई को दोपहर 3.55 बजे होगा। उदयातिथि के आधार पर सावन की पहली एकादशी 31 जुलाई को मनायी जाएगी।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार कामिका एकादशी पर ध्रुव योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का संयोग दोपहर 02.14 बजे तक है। ज्योतिष में ध्रुव योग को बेहद शुभ मानते हैं। इस योग में भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी। इसके साथ ही शुभ कार्यों में सिद्धि मिलेगी। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का भी संयोग बन रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग दिन भर रहेगा। कामिका एकादशी पर देवों के देव महादेव कैलाश पर्वत पर विराजमान रहेंगे। इस समय में भगवान शिव का अभिषेक करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होगी। इस शुभ योग में भगवान नारायण की पूजा करने से भी लोगों को सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
कामिका एकादशी वाले दिन ब्रह्म मुहूर्त प्रात:काल 04.18 से 05.00 बजे तक है। यह समय स्नान के लिए उत्तम माना जाता है। व्रत वाले दिन सूर्योदय 05.42 पर होगा। उसके बाद से आप कामिका एकादशी की पूजा कर सकते हैं क्योंकि पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बना रहेगा।
जो साधक 31 जुलाई को कामिका एकादशी का व्रत रखेंगे, वे पारण 1 अगस्त गुरुवार के दिन करेंगे। पारण का समय सुबह 5.43 से सुबह 8.24 बजे के बीच है। इस समय में आप कभी भी पारण करके व्रत को पूरा कर सकते हैं। 1 अगस्त को द्वादशी तिथि का समापन दोपहर में 3.28 बजे होगा।
कामिका एकादशी के दिन अनाज का सेवन वर्जित माना गया है। इस दिन तामसिक चीजों से दूर रहना बेहद जरूरी होता है। इस तिथि पर चावल का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे आजीवन दरिद्रता का सामना करना पड़ता है। इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन बहुत आवश्यक होता है। इस दिन किसी के साथ विवाद नहीं करना चाहिए। इस तिथि पर किसी के बारे में बुरा बोलने से बचना चाहिए। इस दिन गलती से भी बड़ों और महिलाओं का अपमान नहीं करना चाहिए।