उंगलियां और व्यक्तित्व का गहरा संबंध (सौ.सोशल मीडिया)
Hast Rekha Shastra: किसी व्यक्ति के भाग्य, जीवन और स्वभाव के बारे में जानना है तो उसकी हाथों की उंगलियों को सबसे पहले देखें। क्योंकि, हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार, किसी व्यक्ति के हाथों की उंगलियों से आप बहुत कुछ जान सकते हैं। कहा जाता है कि,उंगलियों की बनावट उनकी लंबाई और चौड़ाई को देखकर उस इंसान के वर्तमान और भविष्य के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती हैं।
हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार, तर्जनी उंगली यानी इंडेक्स फिंगर से ज्यादा होती है वो लोग देखने में तो आकर्षक होते हैं, लेकिन साथ ही यह लोग बहुत गुस्से वाले भी होते हैं। ये लोग हर तरह का जोखिम उठाने के लिए तैयार रहते हैं।
वहीं अगर किसी की रिंग फिंगर, इंडेक्स फिंगर के मुकाबले छोटी होती है, तो माना जाता है कि उनमें आत्मविश्वास बहुत होता है। सात ही इन लोगों को आकर्षण का केन्द्र बनना भी अच्छा लगता है। वो चाहते हैं कि लोग उनकी तारीफ करते रहें।
बताया जाता है कि, जिन लोगों की मध्यमा यानी मिडिल फिंगर उंगली बड़ी होती है, तो व्यक्ति मेहनत करने से कभी पीछे नहीं हटते है। ऐसे लोग जो भी काम करते हैं, उसे पूरे मन से करते हैं और मेहनत भी सफल भी होती है।
वहीं अगर मध्यमा उंगली छोटी हो तो व्यक्ति निराशावादी और निराश होता है। शनि उंगली का टेढ़ा होना इस बात का संकेत है कि व्यक्ति बहुत चालाक हो सकता है। ऐसी उंगलियों वाले लोगों से सभी को सावधान रहना चाहिए।
ऐसा माना जाता है कि जिन महिलाओं की अनामिका उंगली, तर्जनी उंगली की अपेक्षा बड़ी होती है वो अपने व्यवसायिक जीवन में काफी सफलता प्राप्त करती हैं। साथ ही ये महिलाएं मल्टीटेलिंटेड भी होती हैं और इनका दिमाग भी बहुत तेज होता है।
जिन लोगों के हाथों की अनामिका और तर्जनी उंगली की लंबाई लगभग बराबर होती है वे लोग बेहद शांति प्रिय स्वभाव के होते हैं। ऐसे लोग किसी बहस में पड़ना या लड़ाई-झगड़े का हिस्सा बनना पसंद नहीं करते।
कनिष्ठिका या लिटिल फिंगर को बुध की अंगुली कहा जाता है। जिस व्यक्ति की यह उंगली जितनी लंबी होती है उसे उतना ही भाग्यशाली समझा जाता है। इस उंगली का लंबा होना बताता है कि व्यक्ति सफल प्रशासक और नेतृत्वकर्ता बन सकता है।
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हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार उंगलियों की बनावट व्यक्ति की सोच, करियर विकल्प और रिश्तों के प्रति दृष्टिकोण को दर्शाती है। हालांकि, इसे केवल संकेत के रूप में देखना चाहिए, क्योंकि कर्म और निर्णय ही भविष्य की दिशा तय करते हैं।